दिल्ली-एनसीआर के लोगों को शिकार बना रहा सेक्सटार्शन गिरोह
दिल्ली-एनसीआर में सेक्सटार्शन गिरोह सक्रिय है जो इंटरनेट मीडिया के जरिये दोस्ती कर लोगों को शिकार बना रहा है। यह गिरोह आपत्तिजनक वीडियो रिकार्ड करने के बाद एक ही पीड़ित से अलग-अलग तरीके से तीन बार ठगी कर रहा है।
धनंजय मिश्रा, नई दिल्ली
दिल्ली-एनसीआर में सेक्सटार्शन गिरोह सक्रिय है, जो इंटरनेट मीडिया के जरिये दोस्ती कर लोगों को शिकार बना रहा है। यह गिरोह आपत्तिजनक वीडियो रिकार्ड करने के बाद एक ही पीड़ित से अलग-अलग तरीके से तीन बार ठगी कर रहा है। ऐसे गिरोह पर दिल्ली पुलिस की साइबर सेल लगातार कार्रवाई कर रही है, इसके बावजूद मामलों में कमी नहीं आ रही। दिल्ली पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर रोजाना ठगी के शिकार दर्जनों पीड़ित अपनी व्यथा साझा कर रहे हैं, तो वहीं कुछ लोग लोकलाज के डर से शिकायत ही नहीं करते। साइबर सेल के अधिकारियों की मानें तो जागरूकता के जरिये ही ऐसे अपराधियों के चंगुल से बचा जा सकता है। ऐसे फंसाते हैं जाल में गिरोह के सदस्य फेसबुक पर युवतियों की फर्जी प्रोफाइल बनाते हैं। इसके बाद लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजकर उनसे दोस्ती करते हैं। नजदीकी बनाकर फोन नंबर का आदान-प्रदान करते हैं। पीड़ित जब वाट्सएप पर वीडियो काल करता है तो गिरोह के लोग इधर से किसी युवती का अश्लील वीडियो प्ले कर देते हैं, फिर पीड़ित को भी अश्लील व्यवहार करने के लिए उकसाते हैं। इसके बाद वे पीड़ित का वीडियो रिकार्ड कर लेते हैं। वीडियो वायरल करने की धमकी देकर रुपये ऐंठते हैं।
एक ही पीड़ित से तीन तरीके से ठगी 1. सबसे पहले आरोपित पीड़ित को वीडियो भेजते हैं। दोस्तों और परिवार के लोगों को वीडियो भेजने की धमकी देकर पीड़ित से पैसे ले लेते हैं।
2. दूसरे तरीके में ठग इंटरनेट मीडिया के कर्मचारी बनकर पीड़ित को काल करते हैं। पीड़ित से कहा जाता है कि इंटरनेट मीडिया पर आपका अश्लील वीडियो बना है, इस पर पीड़ित से जुर्माने के नाम पर मोटी रकम वसूल ली जाती है।
3. तीसरे तरीके में ठग पुलिसकर्मी बनकर पीड़ित को काल करते हैं। इस दौरान उनसे इंटरनेट मीडिया पर अश्लील वीडियो बनाने के अपराध में पैसे मांगे जाते हैं।
मेवात इलाके में सक्रिय है गिरोह
इस तरह के सबसे अधिक गिरोह मेवात इलाके में सक्रिय हैं। गत वर्ष इस तरह के पहले मेवाती गिरोह का दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने पर्दाफाश किया था। दिल्ली पुलिस उस क्षेत्र की पुलिस को ऐसे गिरोहों के इनपुट भी समय-समय पर देती रहती है। गाजियाबाद में 250 से अधिक शिकायतें मिलीं गाजियाबाद के साइबर सेल प्रभारी सुमित कुमार के मुताबिक गाजियाबाद में जनवरी 2021 से ऐसे मामले आने शुरू हुए। अब तक 250 से अधिक शिकायतें आई हैं। इनमें से कई लोगों ने रिपोर्ट दर्ज कराने से इन्कार कर दिया। साइबर सेल की रिपोर्ट के आधार पर अलग-अलग थानों में 100 से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। शुरुआती जांच में पता चला है कि अधिकांश मोबाइल नंबर ओडिशा के अलग-अलग पतों पर लिए गए हैं।
------------------ फरीदाबाद में रोजाना तीन से चार मामले फरीदाबाद के साइबर थाना प्रभारी बसंत कुमार के मुताबिक फरीदाबाद में सेक्सटार्शन के मामले सामने आ रहे हैं। लोकलाज के कारण लोग शिकायत दर्ज नहीं करते। अब भी इस तरह की रोजाना औसतन एक शिकायत साइबर थाने के पास पहुंच रही है। अनुमान है कि रोजाना तीन से चार लोग इसके शिकार हो रहे हैं। अभी तक जिले में सेक्सटार्सन का कोई मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है।
नोएडा में आ रहे हनीट्रैप के मामले
-28 सितंबर 2020 को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के जूनियर वैज्ञानिक को हनी ट्रैप में फंसा लिया गया था। परिवार वालों से 10 लाख की फिरौती मांगी गई थी। -छह जून 2021 को एक न्यूज एंकर को हनीट्रैप में फंसाकर दो लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई। दो महिलाओं समेत पांच लोगों को सेक्टर-39 कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार किया। -15 जनवरी 2021 को नोएडा में फेज दो कोतवाली पुलिस ने एक हनी ट्रैप गिरोह का पर्दाफाश किया था। पुलिस ने गिरोह के कब्जे से एक युवक को भी मुक्त कराया था। इस गिरोह में काम करने वाली दो महिलाओं समेत कुल सात आरोपितों को गिरफ्तार किया था। आरोपितों ने युवक को दुष्कर्म के झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी देकर हनी ट्रैप में फंसाया था।
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बरतें यह सावधानी
-इंटरनेट मीडिया पर किसी भी अंजान व्यक्ति की फ्रेंड रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट न करें।
-रिक्वेस्ट भेजने वाले के बारे में पहले अच्छी तरह से जानकारी जुटाने के बाद ही दोस्ती करें।
-इंटरनेट मीडिया के जरिये बना कोई दोस्त अगर बहुत जल्द आपसे अंतरंग होने का प्रयास करे तो सावधान हो जाएं।
-अनजान लोगों के वीडियो काल ना उठाएं।
-ठगी का शिकार होने पर पुलिस को सूचना देने में देरी न करें।