कितलाना टोल पर महिला कृषकों ने मनाया तीजोत्सव, बोली- सरकार की हठधर्मिता के कारण सड़क पर त्योहार मनाने को मजबूर

तीज का पावन त्योहार झूला झूलते हुए महिलाओं ने कितलाना टोल पर जोश उल्लास से मनाया लेकिन वे खुद को अपना दर्द बयान करने से नहीं रोक पाई। महिला वक्ताओं ने कितलाना टोल पर चल रहे अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए कहा कि हर इंसान की इच्छा होती है कि वो घर पर त्योहार मनाएं। लेकिन आज सरकार की हठधर्मिता के कारण आज महिला किसान और मजदूर सड़क पर त्योहार मनाने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सरकार को इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 12 Aug 2021 08:56 AM (IST) Updated:Thu, 12 Aug 2021 08:56 AM (IST)
कितलाना टोल पर महिला कृषकों ने मनाया तीजोत्सव, बोली- सरकार की हठधर्मिता के कारण सड़क पर त्योहार मनाने को मजबूर
कितलाना टोल पर महिला कृषकों ने मनाया तीजोत्सव, बोली- सरकार की हठधर्मिता के कारण सड़क पर त्योहार मनाने को मजबूर

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : तीज का पावन त्योहार झूला झूलते हुए महिलाओं ने कितलाना टोल पर जोश उल्लास से मनाया लेकिन वे खुद को अपना दर्द बयान करने से नहीं रोक पाई। महिला वक्ताओं ने कितलाना टोल पर चल रहे अनिश्चितकालीन धरने को संबोधित करते हुए कहा कि हर इंसान की इच्छा होती है कि वो घर पर त्योहार मनाएं। लेकिन आज सरकार की हठधर्मिता के कारण आज महिला, किसान और मजदूर सड़क पर त्योहार मनाने को मजबूर हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सरकार को इसके परिणाम भुगतने पड़ेंगे। उन्होंने कहा कि गत वर्ष नवम्बर में जब तीन काले कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन शुरू हुआ उस वक्त सरकार को गलतफहमी थी कि किसान थोड़े में अलग थलग पड़ जाएंगे और चंद दिनों में वापिस घर लौट जाएंगे। लेकिन आज 8 महीने से अधिक का समय बीत जाने के बाद महिलाओं के साथ मजदूर भी मजबूती से किसानों के साथ खड़े हैं और सरकार बेचैन है। अभी भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी गलती सुधार लें और संसद का विशेष अधिवेशन बुलाकर तीन काले कानून रद्द करने की घोषणा करें। धरने के 230वें दिन कृष्णा छपार, संतोष देशवाल, मुकेश पहाड़ी, निर्मला पांडवान, राजबाला कितलाना, कमलेश भैरवी, मायावती पैंतावास, मूर्ति ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि कुछ भी हो जाए जब तक तीन कृषि कानून रद नहीं होते हम हर हाल किसानों के कंधे से कंधा मिलाकर ये लड़ाई लड़ेंगी। आज धरने की कमान पूरी तरह से महिलाओं के हाथ में रही। टोल पर महिलाओं ने एक दूसरे को झूला झुलाया। खास बात यह रही कि तीज के अवसर पर गुलगुले और सुहाली वितरित की गई।

इस अवसर पर ममता गौरीपुर, सुशीला घणघस, संतोष नीमड़ी वाली, बाला, रेणु छपार, कमला, रेशमा, मीना, सुशील, रतन्नी देवी, रचना, संतरा, निम्बो, प्रेम तलाना, सीमा, रामरती, भतेरी, पिकी, मरमण इत्यादि किसान मौजूद रहे।

chat bot
आपका साथी