दूसरे दिन भी निचली कालोनियों की अनेक गलियों में भरा रहा पानी

बरसात के दूसरे दिन भी शहर की दर्जनों कालोनियों की गलियों में पानी भरा रहा। प्रशासन को लोग कोसते रहे। नागरिकों का कहना था कि दावे तो हर बार किए जाते हैं कि बरसाती सीजन में जलभराव नहीं होने दिया जाएगा लेकिन ये हकीकत में नहीं बदलते।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 31 May 2020 08:05 AM (IST) Updated:Sun, 31 May 2020 08:05 AM (IST)
दूसरे दिन भी निचली कालोनियों की अनेक गलियों में भरा रहा पानी
दूसरे दिन भी निचली कालोनियों की अनेक गलियों में भरा रहा पानी

जागरण संवाददाता, भिवानी : बरसात के दूसरे दिन भी शहर की दर्जनों कालोनियों की गलियों में पानी भरा रहा। प्रशासन को लोग कोसते रहे। नागरिकों का कहना था कि दावे तो हर बार किए जाते हैं कि बरसाती सीजन में जलभराव नहीं होने दिया जाएगा, लेकिन ये हकीकत में नहीं बदलते। पहली बरसात ने ही प्रशासन को विशेष कर जनस्वास्थ्य विभाग को आइना दिखा दिया। बरसाती नालों की सफाई नहीं होने से वे अटे पड़े हैं। इसके अलावा सीवर ज्यादातर चोक हैं जिसकी वजह से पानी की निकासी नहीं हो पा रही है। जलभराव से शहर के इन कालोनियों के नागरिक दिखे ज्यादा परेशान

शहर के दिनोद गेट, शिवनगर, देवसर चुंगी, चौ. बंसीलाल पार्क, हनुमान गेट, हनुमान ढाणी, बावड़ी गेट, पुराना हाउसिग बोर्ड, जैन चौक आदि शहर निचले इलाकों में अनेक जगह दूसरे दिन भी गलियों में बरसाती पानी जमा रहा। सीवर की समस्या भी रही। पाश कालोनी सेक्टर 13 के नागरिक भी सीवर चोक से रहे बेहाल

अनेक लोगों ने सेक्टर में महंगे प्लॉट खरीदकर अपने आशियाने बनाए थे। उन्हें मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है। शहरी विकास प्राधिकरण के सेक्टर के अधिकतर हिस्से में सीवर ओवरफ्लो की समस्या लगातार बनी रहती है। जब भी सेक्टरवासी ठेकेदार को इस समस्या के बारे में कहते हैं तो ठेकेदार हर रोज बहाने बनाकर टालता रहता है। समस्या के समाधान की तरफ कोई ध्यान नहीं देता। कुछ वर्ष पूर्व तक समस्या निदान के लिए एक समस्या निदान रजिस्टर होता था जिसमें सेक्टर वासी अपनी समस्या नोट कर देते थे। पिछले कुछ वर्षों से यह समस्या निदान रजिस्टर ही नही है।

सेक्टर वासी विनोद कुमार, भूपेन्द्र, चन्द्रकांत शर्मा, राजेन्द्र कुमार, रमेश महतानी, सुरेन्द्र कुमार, सुजेन्द्र, ऋषि आदि ने उपरोक्त समस्या से निजात दिलाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि सीवर का पानी सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट की बजाए सेक्टर के खाली प्लाटों, सड़क व आसपास फैला रहता है। ज्यादा कहने पर ठेकेदार पावर का रौब दिखाता है और सेक्टर की समस्या है कि जस की तस पड़ी है।

chat bot
आपका साथी