गांव डाडम का विसरवाला जोहड़ सूखा

ग्रामीण क्षेत्र में जोहड़ जो कभी पानी की किल्लत को दूर करते थे। आज वह अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। गांव डाडम के विसरवाला जोहड़ में पिछले तीन-चार साल से जोहड़ में पानी न आने के कारण जोहड़ सूख गया है जिससे ग्रामीणों में रोष बना हुआ है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 06:43 AM (IST) Updated:Mon, 21 Jun 2021 06:43 AM (IST)
गांव डाडम का विसरवाला जोहड़ सूखा
गांव डाडम का विसरवाला जोहड़ सूखा

संवाद सहयोगी, तोशाम : ग्रामीण क्षेत्र में जोहड़ जो कभी पानी की किल्लत को दूर करते थे। आज वह अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं। गांव डाडम के विसरवाला जोहड़ में पिछले तीन-चार साल से जोहड़ में पानी न आने के कारण जोहड़ सूख गया है जिससे ग्रामीणों में रोष बना हुआ है। ग्रामीणों ने जोहड़ में पानी डलवाने के लिए कई बार प्रशासन से गुहार लगा चुके है, लेकिन प्रशासन इस तरफ कोई ध्यान नहीं है। ग्रामीण जरनेल सिंह, शमशेर सिंह, आश दहिया, सदीक, वजीर दहिया, भूपसिंह पंच, आजाद, शिवानन्द, राजेन्द्र, संदीप,अर्जून, डॉ. राजेश, ईश्वर,ओमबीर रमेश, रोहतास, बीर सिंह ने बताया कि माईनर के टेल पर होने के कारण जोहड़ में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है जिसके कारण जोहड़ सूखा है। प्रशासन से बार बार मांग करने पर प्रशासन थोड़ा बहुत पानी छोड़ देते है और वो पानी एक सप्ताह में ही सुख जाता है। जोहड़ में पानी नहीं होने के कारण पशु, पक्षियों को पानी नहीं मिल पाता है। ग्रामीण भयंकर गर्मी में 500 रूपए में टैंकर खरीद कर पशुओं को पिलाने में मजबूर हो रहे है। जोहड़ एक मात्र एक ऐसा साधन है जिससे बरसात आदि का पानी इकट्ठा करने का एक मात्र साधन है।

जोहड़ में पानी नहीं आने से ग्रामीणों में भारी रोष बना हुआ है। ग्रामीण अधिकारियों से भी गुहार लगा चुके है, लेकिन प्रशासन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर दो दिन में पानी नहीं छोड़ा गया तो ग्रामीण धरने पर बैठने को मजबूर होगें।

-सदीक डाडम।

जोहड़ में पानी डलवाने के लिए प्रशासन से नेताओं तक के चक्कर लगा चुके है। जोहड़ में थोड़ा बहुत पानी छोड़ा जाता है जो भीषण गर्मी में सुख जाता है और पशु व पक्षी प्यास बुझाने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है।

-रामफल दहिया, पूर्व सरपंच।

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