स्वामित्व योजना में पारदर्शिता के साथ मिलेगा ग्रामीणों को संपत्ति का मालिकाना हक : कौशल

राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि स्वामित्व योजना सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। इसका उद्देश्य ग्रामीणों को उनका मालिकाना हक देना है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 07:25 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 07:25 AM (IST)
स्वामित्व योजना में पारदर्शिता के साथ मिलेगा ग्रामीणों को संपत्ति का मालिकाना हक : कौशल
स्वामित्व योजना में पारदर्शिता के साथ मिलेगा ग्रामीणों को संपत्ति का मालिकाना हक : कौशल

जागरण संवाददाता, भिवानी: राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहा कि स्वामित्व योजना सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। इसका उद्देश्य ग्रामीणों को उनका मालिकाना हक देना है। इसके लिए सभी गांवों को डोरा मुक्त किया जाएगा, जिससे संबंधित मालिक को उसके मकान या जमीन के मालिक होने का प्रमाण पत्र दिया जा सके। योजना के क्रियान्वयन में तेजी के लिए उपायुक्त स्वयं व्यक्तिगत रूप से योजना संबंधी कार्यों की मानिटरिग करें और समय-समय पर अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते रहें।

अतिरिक्त मुख्य सचिव शनिवार को वीडियो कान्फ्रेंसिग के माध्यम से स्वामित्व योजना के तहत कार्यों की समीक्षा कर रहे थे। वीडियो कान्फ्रेंसिग कक्ष में उपायुक्त जयबीर सिंह आर्य ने अतिरिक्त मुख्य सचिव को जिला में स्वामित्व योजना के तहत किए जा रहे कार्यों की विस्तार से जानकारी दी।

कौशल ने कहा कि स्वामित्व योजना प्रधानमंत्री की अति महत्वाकांक्षी योजना है। इसलिए अधिकारी अपने कार्य के प्रति गंभीरता दिखाते हुए यह सुनिश्चित करें कि सभी पात्रों को योजना का लाभ मिले। भूमि रिकार्ड के डिजिटली करण और ग्रामीणों क्षेत्रों के सशक्तिकरण के लिए स्वामित्व योजना की शुरुआत हुई थी। इस योजना का लक्ष्य देश के गांवों में लोगों को उनकी आवासीय जमीन का मालिकाना हक देना है। किसानों समेत गांव वालों को उनकी जमीन का हक दिलाने के लिए नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस योजना का मकसद संपत्ति का रिकार्ड बनाना और उसका मालिकाना हक तय करना है। इसलिए सभी विभाग आपसी तालमेल से इस कार्य को जल्द से जल्द पूरा करें।

उपायुक्त जयबीर सिंह आर्य ने बताया कि अब तक जिले के 305 गांवों में ड्रोन फ्लाइंग द्वारा नक्शा का कार्य किया जा चुका है। जिले में 322 गांवों में से 313 गांवों को लाल डोरा मुक्त किया जाएगा । सात गांव पहले से ही लाल डोरा मुक्त है व दो गांव बेचिराग गांव है।

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