35 गांवों के ग्रामीणों को नहीं मिल रहे डाक्टर

कोरोना महामारी के दौर में कैरू स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मिरान डाक्टरों की कमी से जूझ रहा है। कैरू सीएचसी के हालात यह है कि तीन डाक्टर होने के बावजूद कैरू व आसपास के ग्रामीणों को एक भी डाक्टर नहीं मिलता है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 May 2021 06:12 AM (IST) Updated:Sun, 09 May 2021 06:12 AM (IST)
35 गांवों के ग्रामीणों को नहीं मिल रहे डाक्टर
35 गांवों के ग्रामीणों को नहीं मिल रहे डाक्टर

प्रवीण सांगवान, तोशाम : कोरोना महामारी के दौर में कैरू स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र मिरान डाक्टरों की कमी से जूझ रहा है। कैरू सीएचसी के हालात यह है कि तीन डाक्टर होने के बावजूद कैरू व आसपास के ग्रामीणों को एक भी डाक्टर नहीं मिलता है। एक फार्मेसी अधिकारी था उसको भी जुई लगा दिया। तीन डाक्टरों ने एक भिवानी नागरिक अस्पताल में भेज दिया और एक डाक्टर कोरोना पॉजिटिव व एक होम आइसोलेशन पर है। कैरू सीएचसी का नया आधुनिक भवन 2 करोड़ 70 लाख रुपए में बनकर तैयार है और सीएचसी में कैरू व आसपास के 35 गांव के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने वाला एकमात्र अस्पताल है। डाक्टरों की कमी होने के कारण मरीज दर-दर की ठोकरें खाने पर मजबूर हो रहे हैं।

पूर्व सरपंच कैलाश चंद्र ने बताया कि ग्रामीणों के साथ उन्होंने कैरु सीएचसी का दौरा किया था लेकिन वहां पर न कोई डाक्टर मिला और न ही कोई दवाई देने वाला। सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च करके बड़ी बड़ी बिल्डिग खड़ी तो कर दी, लेकिन लोगों को सुविधाएं नहीं मिल रही है। उन्होंने बताया कि कैरू गांव में लगभग खांसी, जुखाम, बुखार से लोग पीड़ित हैं। कोरोना के मरीज भी दिन प्रतिदिन संख्या बढ़ती जा रही है। उन्होंने बताया कि इस बारे सीएमओ भिवानी से भी शिकायत की थी, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। उसके बाद स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज के पीए से भी इस बारे में शिकायत दी है। उन्होंने बताया कि सीएचसी कैरू में कोरोना मरीजों के लिए आइसोलेशन भी नहीं बनाया है। लोग घरों में ही आइसोलेशन हो रहे है और गंभीर मरीजों को भिवानी जाना पड़ता है। अस्पताल में ऑक्सीजन की व्यवस्था भी नहीं है। मरीजों को इलाज के लिए निजी अस्पतालों में जाना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि सुबह तो ओपीडी खुलती है बाद में उस पर ताला लटका मिलता है। पूर्व सरपंच ने अधिकारियों से अस्पताल में डाक्टरों की व्यवस्था करने की मांग की है।

यहीं हालात मिरान स्थित सीएचसी की है और वहां की व्यवस्था भी राम भरोसे चल रही है। सीएचसी मिरान में 4 डाक्टरों की पोस्ट है, लेकिन एक ही डाक्टर है वो भी जीएच भिवानी डेपूटेशन पर है। फार्मेसी अधिकारी ही मरीजों को दवाई देते है। डाक्टर नहीं होने पर सुबह 8 से 11 बजे तक ही मरीजों को दवाइयां दी जाती है। मिरान में लगभग 15 मरीज हर रोज आते है और कैरू में 60-70 मरीज हर रोज आते है।

इस बारे में कैरू के चिकित्सक डा. दिनेश मालवाल ने बताया कि गाइड लाइन के तहत ओपीडी सुबह 8 से 11 बजे तक खुलती है और डिलीवरी हैट खुला रहता है। अगर ओपीडी में कोई दिक्कत आती है तो एसएमओ की ड्यूटी लगा दी जाएगी और लोगों को कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने बताया वे होम आइसोलेशन में है और दो तीन दिन में वे भी ड्यूटी पर आ जाएगे। उन्होंने बताया कि टेस्टिग के लिए चार टीमों को गठन कर दिया है और जिन गांव में खांसी, जुकाम, बुखार व कोरोना के ज्यादा मरीज आते है, उन गांव में टीम टेस्ट करेगी।

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