उद्यम सिंह का बलिदान युवाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत: आर्य

महान क्रांतिकारी एवं देशभक्त शहीद उद्यम सिंह के बलिदान दिवस पर शि

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 09:57 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 09:57 PM (IST)
उद्यम सिंह का बलिदान युवाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत: आर्य
उद्यम सिंह का बलिदान युवाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत: आर्य

जागरण संवाददाता, भिवानी : महान क्रांतिकारी एवं देशभक्त शहीद उद्यम सिंह के बलिदान दिवस पर शनिवार को नेहरू पार्क स्थित शहीद स्मारक पर श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें उपायुक्त जयबीर सिंह आर्य शहीद उद्यम सिंह को श्रद्धासुमन अर्पित किए। उपायुक्त ने कहा कि शहीद उद्यम सिंह जीवन व बलिदान युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। युवाओं में देशभक्ति का जज्बा होना जरूरी है।

उपायुक्त ने कहा कि उद्यम सिंह का जन्म पंजाब के संगरूर जिले के सुनाव गांव में 26 दिसंबर 1899 में हुआ। उनके सिर से बचपन से ही मां-बाप का साया उठा गया था। उनको मजबूरीवश अपने भाई के साथ अनाथालय की शरण लेनी पड़ी। उन्होंने विकट परिस्थितियों में अपना जीवन बसर किया। उन्होंने कहा कि 13 अप्रैल 1919 को जलियावाला बाग में किए गए नरसंहार की घटना ने उनको अंदर से झकझोर दिया और वे इस घटना के साक्षी थे। उन्होंने जलियावाला बाग की घटना को अपनी आंखों से देखा था। उन्होंने कहा कि उद्यम सिंह ने जलियावाला बाग की मिट्टी हाथ में लेकर जनरल डायर द्वारा किए गए नरसंहार का बदला लेने की कसम उठाई थी। उन्होंने अपनी सौगंद को पूरा करने के लिए शहीद ए आजम भगत सिंह को अपना आदर्श माना। जलियावाला बाग के नरसंहार का बदला लेने के लिए वे लंदन गए और वहां रहना शुरू किया। उन्होंने बताया कि उद्यम सिंह ने वीरता का परिचय देते हुए 13 मार्च 1940 को लंदन में रायल सेंट्रल एशियन सोसाइटी के काक्सटन हाल में आयोजित बैठक में माइकल डायर को वहीं पर गोलियों से छलनी किया। डायर को मारने के बाद उद्यम सिंह वहां से भागे नहीं बल्कि वहीं डटे रहे और अपनी बहादुरी का परिचय किया। 31 जुलाई को 1940 को अंग्रेजों ने उद्यम सिंह को फांसी दी गई, जो हमारे लिए बलिदान दिवस है।

कार्यक्रम के दौरान सीईओ जिला परिषद कुशल कटारिया और तहसीलदार रविद्र कुमार तथा जिला सैनिक बोर्ड के अधिकारी मौजूद रहे।

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