मन में संतोष कर गुरु पर रखें भरोसा : जैन मुनि
फोटो 23 सीडीआर 37 जेपीजी में है। जागरण संवाददाता चरखी दादरी व्यक्ति को यदि सच्चा सुख
फोटो : 23 सीडीआर 37 जेपीजी में है। जागरण संवाददाता, चरखी दादरी: व्यक्ति को यदि सच्चा सुख पाना है तो उसको अपना ध्यान गुरू के चरणों में लगाना होगा। सतगुरू के आशीर्वाद से मनुष्य की लौ परमात्मा में लगती है। हर व्यक्ति यह समझ ले कि स्वयं को पाने का सुख जीवन का परम सौभाग्य है, अन्यथा धरती पर समय तो सभी लोग गुजारते हैं। प्रवचन दिवाकर दीपेश मुनि ने शनिवार को स्थानीय जैन स्थानक में श्रावकों के समक्ष यह बात कही।
उन्होंने कहा कि जो परम सुख खुद को पाने में है, वह किसी और से नहीं मिल सकता। मनुष्य खुद में खुद कितनी बड़ी संपदा है, इस बात का उसे ज्ञान नहीं। जिस दिन यह मधुर अनुभव साधना से उसे मिल जाता है, उस दिन जीवन का समस्त रूपांतरण श्री हरि के चरणों में हो जाता है। दीपेश मुनि ने कहा कि प्रत्येक जीव या प्राणी अपने आप में अनूठा है। अपनी तुलना कभी भी दूसरों से नहीं करनी चाहिए। रोजाना दादरी जैन स्थानक में दोपहर दो से तीन बजे तक किए जा रहे प्रवचनों की धर्म वेला में साध्वी अक्षिता महाराज ने कहा कि जीवन में सुख पाने के लिए कहीं भी भटकने की आवश्यकता नहीं है। सबसे बड़ी बात यह है कि मनुष्य को मन में संतोष और अपने गुरू पर भरोसा रखना चाहिए। महाश्रमण शक्ति प्रभा की शिष्या साध्वी रक्षिता महाराज ने अपने प्रवचन में कहा कि मन को सांसारिक विषयों में लिप्त करने की बजाय प्रभु सेवा में लगाया जाए तो आपके साथ हमेशा शुभ ही घटित होगा। उन्होंने सुंदर व मनमोहक भजन गाकर सुनाए।
इस मौके पर उप प्रवर्तक पंडित रत्न महाश्रमण आनंद मुनि महाराज ने नववर्ष के लिए आचार्य गुरुदेव मंगलसेन के नाम से प्रकाशित करवाए गए पंचांग का विमोचन किया।