प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के सूत्रधार मातादीन भंगी की जयंती पर किया नमन

जागरण संवाददाता भिवानी मातादीन भंगी नहीं होते तो सन 1857 का महान गदर इतिहास के पन्नों में

By JagranEdited By: Publish:Mon, 29 Nov 2021 04:36 PM (IST) Updated:Mon, 29 Nov 2021 04:36 PM (IST)
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के सूत्रधार मातादीन भंगी की जयंती पर किया नमन
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के सूत्रधार मातादीन भंगी की जयंती पर किया नमन

जागरण संवाददाता, भिवानी : मातादीन भंगी नहीं होते तो सन 1857 का महान गदर इतिहास के पन्नों में दर्ज नहीं होता और न ही मंगल पांडेय सिपाही विद्रोह के नायक बनते। इतिहासकारों ने मातादीन के साथ अन्याय किया। भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के सूत्रधार को इतिहासकारों ने भुला दिया। यह बात सोमवार को राष्ट्रीय कुम्हार महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गणेशीलाल वर्मा ने दिनोद गेट, गांधी नगर में स्वतंत्रता सेनानी क्रांतिकारी मातादीन भंगी की जयंती कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हे श्रद्धांजलि दी गई। गणेशीलाल वर्मा ने अमर शहीद मातादीन भंगी की जीवनगाथा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का शोला मंगल पांडेय थे तो शोले में आग पैदा करने की प्रथम चिंगारी मातादीन भंगी ने दी थी। उन्होंने अंग्रेजों के रखे हथियारों, गोला-बारूद, रसद तथा ठिकानों का पता विद्रोही सिपाहियों को बता दिया और और 1857 की क्रांति में बड़े सहयोगी बन गए। बाद में अंग्रेजों ने भारतीय सैनिकों को विद्रोह के लिए भड़काने का मुख्य आरोपी मातादीन भंगी को माना। यह मुकदमा मातादीन भंगी के नाम पर चला। सभी गिरफ्तार क्रांतिकारियों को कोर्ट मार्शल के जरिए फांसी की सजा दी गई। मातादीन भंगी भी मातृभूमि के लिए आठ अप्रैल 1857 को शहीद हो गए। पहली फांसी मातादीन भंगी को दी गई। उसके बाद मंगल पांडेय और बाकी गिरफ्तार सैनिकों को फांसी दी गई। वर्मा ने कहा कि शहीद मातादीन भंगी 1857 की क्रांति के जनक थे, जिनकी शहादत को इतिहास के पन्नों में कहीं दबा दिया गया। उन्होंने कहा कि उनकी जयंती मनाने का उद्देश्य उनकी वीरगाथा को नई पीढ़ी तक पहुंचाना है, ताकि आने वाली पीढि़यां ये जान सके कि हमारी आजादी के लिए बहुत से लोगों ने अपनी जान की कुर्बानी दी है। इस अवसर पर हवलदार धर्म सिंह, पूर्व हैडमास्टर रामफल सिंहमार, बजरंगलाल सैन, मूर्ति देवी, कुमारी जीनत, महक, ऊषा, महाबीर यादव, रियान यादव सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

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