हालात गंभीर : सभी बाजारों में दिनभर बने रहते हैं जाम जैसे हालात, सड़कों के बीच फंसे रहते हैं वाहन
जागरण संवाददाता चरखी दादरी नियंत्रित यातायात बाजारों मुख्य मार्गों में बढ़ते अतिक्रमण के च
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : नियंत्रित यातायात, बाजारों, मुख्य मार्गों में बढ़ते अतिक्रमण के चलते इन दिनों दादरी में जाम की समस्या आमजन के लिए भारी परेशानियों का सबब बनती जा रही है। शुक्रवार को नगर के बस स्टैंड रोड, तहसील रोड, मैन बाजार, रेलवे रोड इत्यादि मुख्य बाजारों में सुबह से लेकर शाम तक जाम जैसा माहौल बना रहा। इन सभी मुख्य मार्गों पर छोटे व बड़े वाहन रेंग-रेंग कर चलते दिखाई दिए। इस दौरान जाम में फंसे चालकों को काफी परेशानियों से जूझना पड़ा। जाम जैसे हालातों से निपटने के लिए दिनभर ट्रेफिक पुलिस के कर्मचारी भी काफी जद्दोजहद करते दिखाई दिए लेकिन हालात बेकाबू नजर आए। नगर के अधिकतर बाजारों में जाम की समस्या पिछले काफी समय से बनी हुई है लेकिन अब स्थिति ओर भी गंभीर दिखाई देने लगी है। विशेषकर नगर के व्यस्त रहने वाले बाजारों जैसे पुराने सब्जी मंडी रोड, पुराना बस स्टैंड रोड, तहसील रोड, दिल्ली रोड, रेलवे रोड, लाला लाजपतराय चौक, अग्रसैन चौक, फोरलेन के दोनों ओर के बाजारों इत्यादि स्थानों पर जाम की समस्या आम बनती जा रही है। इन बाजारों में पैदल चलने वालों के लिए बनाए गए अधिकतर फुटपाथ अतिक्रमण की भेंट चढ़ चुके हैं। इसी प्रकार मुख्य मार्गों पर रेहड़ियां, स्टालें, खोमचे लगाए जाने, स्थाई, अस्थाई कब्जे होने, साइन बोर्ड, शेड व दुकानों के आगे सामान रखे जाने से सभी सड़कें तंग होती जा रही हैं। इसके चलते जाम की समस्या बनी रहती है। फंस जाती हैं एंबुलेंस भी
दादरी नगर के बीच, फोरलेन पर बने हुए कई निजी व सरकारी अस्पतालों के मरीजों को आपातकालीन स्थिति में मुख्य मार्गों के बीच से ले जाना पड़ता है। लेकिन जाम जैसे बने रहने वाले हालातों के कारण एंबुलेंस भी जल्द नहीं निकल पाती। इससे आपात स्थिति से जूझ रहे मरीजों की हालत अकसर बिगड़ जाती है। जाम के कारण वे समय पर अस्पतालों में नहीं पहुंच पाते। ट्रेफिक थाना बना पर नहीं सुधरे हालात
तीन साल पहले दादरी जिला बनने के बाद यहां ट्रेफिक थाना बनाया गया था। उम्मीद थी कि पर्याप्त संख्या में ट्रेफिक पुलिस कर्मचारियों की नियुक्ति के बाद दादरी शहर के बाजारों, मुख्य मार्गों पर अनियंत्रित यातायात, बेलगाम वाहनों पर काबू पाया जा सकेगा। इससे जाम की समस्या का काफी हद तक समाधान हो सकेगा। लेकिन हालात पहले से भी गंभीर बनते जा रहे हैं। बच्चों को लेकर चिताएं
दादरी नगर के बीचों-बीच कई शिक्षण संस्थाएं हैं। इनमें केवल वैश्य शिक्षण संस्थाओं में तीन हजार छात्र, छात्राएं अध्ययनरत हैं। दोपहर के समय जब स्कूलों की छुट्टी होती है तो एक साथ हजारों बालक सड़कों पर निकलते हैं। बाजारों व मुख्य बाजारों पर वाहनों की रेलमपेल, जाम जैसे बने हालातों के बीच बच्चों को गुजरते देखकर कलेजा मुंह को आ जाता है। ऐसे में हादसों की आशंका बनी रहती है। जब तक बालक घर नहीं पहुंच जाते अभिभावक काफी चितित रहते हैं। बढ़ते प्रदूषण से बढ़ी समस्याएं
नगर के अधिकतर बाजारों में बने हुए जाम के हालातों के चलते धुएं, शोर, प्रदूषण के माहौल के बीच स्थिति काफी विकट बनी रहती है। कई मुख्य मार्गों के साथ तो वाहनों के जाम लगे रहने से दिनभर धुएं व बढ़े प्रदूषण के कारण आसपास के रहने वाले लोगों, दुकानदारों, आम लोगों को बेहद दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर देखने में आता है कि बाजारों के साथ पार्किंग न होने से खरीददारी करने वाले लोग अपने वाहनों को सड़कों के साथ खड़ा कर निकल जाते हैं। इससे जाम की समस्या बनी रहती है।