किसानों को पैदावार बढ़ाने के दिए टिप्स

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : ग्वार एक कम अवधि की खरीफ मौसम की फसल है, जो जमीन की उप

By JagranEdited By: Publish:Tue, 29 May 2018 11:33 PM (IST) Updated:Tue, 29 May 2018 11:33 PM (IST)
किसानों को पैदावार बढ़ाने के दिए टिप्स
किसानों को पैदावार बढ़ाने के दिए टिप्स

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी :

ग्वार एक कम अवधि की खरीफ मौसम की फसल है, जो जमीन की उपजाऊ शक्ति बढ़ाने के लिए जानी जाती है। लेकिन बीटी कपास को अधिक महत्व दिए जाने के कारण ग्वार को किसान दूसरी श्रेणी की फसल मानते हैं तथा पानी की कमी के कारण इसकी बिजाई करना मजबूरी समझते हैं। वहीं किसानों का मानना है कि ग्वार की फसल भूमि का सुधार करती हैं लेकिन कपास की तुलना में अधिक फायदेमंद नहीं है। यह बात गांव ¨हडोल में चौ. चरण ¨सह कृषि विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त कीट विशेषज्ञ डा. आरके सैनी ने कही। वे मंगलवार को ¨हदुस्तान गम एवं कैमिकल भिवानी व कृषि एवं कल्याण विभाग द्वारा आयोजित जागरूकता शिविर में किसानों को कृषि सबंधी जानकारी दे रहे थे। जागरूकता शिविर में करीब 50 किसानों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि ग्वार फसल की जड़ों की गांठों में मौजूद राइबिज बैक्टिरिया हवा से नाईट्रोजन लेकर पौधों को उपलब्ध करवाते है। इसके अलावा ग्वार फसल के अवशेष भी शीघ्रता से गलकर जैविक खाद्य का काम करते है। इन सब कारणों से यह फसल भूमि की उपजाऊ शक्ति बढ़ाती है। इसके बाद उगाई जाने वाली फसल गेंहू व सरसों की अच्छी पैदावार होती है। डा. सैनी ने किसानों से आग्रह किया कि वे जमीन की सेहत को सुधारने के लिए फसल चक्र में गवार की बुआई अवश्य करे। उन्होंने कहा कि कम अवधि की फसल होने के कारण गवार के बाद रबी की फसलों की बिजाई भी अगेती अथवा उचित समय पर हो सकती है। जागरूकता शिविर के दौरान सेवानिवृत्त कृषि विशेषज्ञ डा. राजेंद्र प्रसाद कौशिक ने किसानों से आग्रह किया कि वे अपने खेतों में गोबर खाद, हरी खाद और केंचुआ खाद का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करे, ताकि जमीन उर्वरा शक्ति बनी रहे। इसके अलावा फसलों के अवशेष जलाने की बजाए भूमि में मिला दे। इस अवसर पर सरपंच प्रतिनिधि रामअवतार, प्रदीप, सूबे ¨सह, जिले ¨सह यादव, मांगेराम, बलजीत, बीरसेन, करण ¨सह, राजपाल यादव, देवीलाल, रोहतास, मांगेराम, जयपाल इत्यादि उपस्थित थे।

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