कितलाना टोल पर 66वें दिन धरना बरकरार, टोल रहा फ्री
केंद्र और राज्य सरकार किसानों को डराने का प्रयास न करें बल्कि तीनों कृषि कानून वापस लेकर किसानों के हित में कदम बढ़ाए। किसान अपने हकों के लिए पीछे हटने वाले नहीं हैं।
जागरण संवाददाता, भिवानी :
केंद्र और राज्य सरकार किसानों को डराने का प्रयास न करें बल्कि तीनों कृषि कानून वापस लेकर किसानों के हित में कदम बढ़ाए। किसान अपने हकों के लिए पीछे हटने वाले नहीं हैं। रविवार को कितलाना टोल पर वक्ताओं ने कहा कि किसान आंदोलन को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन सरकार की इस मंशा को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा और मजदूर संगठन मिलकर आंदोलन में तेजी लाने का कार्यक्रम निर्धारित कर रहे हैं। इसे पूरे जोर शोर से अमलीजामा पहनाया जाएगा। किसान आंदोलन अब जनांदोलन बन गया है इसे हर वर्ग का समर्थन मिल रहा है। कितलाना टोल पर धरने के 66वें दिन सूरजभान सांगवान, धर्मपाल फौगाट, बिजेंद्र बेरला, राजकुमार, गंगाराम श्योराण, बीरमति, दिलबाग ग्रेवाल, बलराम गुप्ता, सुभाष यादव, मोहन शर्मा, महेंद्र डोहकी, रजनी ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री किसानों की आवाज नहीं सुन रहे हैं। धरने का मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश और धर्मेन्द्र छपार ने किया। इस मौके पर उदयभान प्रजापति, सुरेश सरपंच, उमेद यादव, राजकुमार गोयल, पृथ्वी धानक, बलवान पंडित, नत्थूराम शर्मा, निर्मला देवी, डा. ओमप्रकाश, कप्तान रामफल डोहकी, सूबेदार सत्यवीर सिंह इत्यादि मौजूद थे।
गांव किरावड़ में किसानों के समर्थन में पंचायत
संवाद सहयोगी, तोशाम : ढाणी किरावड़ के ग्रामीणों ने किसान आंदोलन के समर्थन में पंचायत का आयोजन किया। पंचायत की अध्यक्षता सज्जन सिंह ने की। पंचायत में किसानों ने दूध को लेकर फैसला लिया गया कि एक मार्च से 5 दिन दूध की सप्लाई बन्द की जाएगी और 6 मार्च से दूध 100 रुपये लीटर दिया जाएगा। गांव के दो व्यक्ति दूध का काम करने वाले धर्मबीर सिंह व मदन श्योराण ने भी ग्रामवासियों के इस फैसले को पुरजोर समर्थन किया। तीन कृषि कानूनों को लेकर किसानों की केन्द्र सरकार द्वारा कोई सुनाई ना होने के विरोध में किसानों में रोष बना हुआ है। इस अवसर पर सुरेश मास्टर, प्रदीप नम्बरदार, रामफल किसान, राजेश मेंबर, सोमबीर मेंबर, राजवीर सिंह, सतेंद्र पहलवान, जोगेंद्र, महेंद्र सिंह, हर्ष श्योरण, सुधीर सहित अनेक किसान मौजूद थे।