शहर के विकास पर 100 करोड़ रुपये खर्च पर नहीं सुधरे हालात

शहर के विकास पर करीब एक सौ करोड़ रुपये खर्च करने का भले दा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 12:14 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 12:14 AM (IST)
शहर के विकास पर 100 करोड़ रुपये खर्च पर नहीं सुधरे हालात
शहर के विकास पर 100 करोड़ रुपये खर्च पर नहीं सुधरे हालात

जागरण संवाददाता, भिवानी : शहर के विकास पर करीब एक सौ करोड़ रुपये खर्च करने का भले दावा किया जा रहा है पर धरातल पर शहर की जो विकास की तस्वीर नजर आ रही है वह विकास की कहानी खुद कह रही है। सड़कों की बात हो चाहे सीवर या सफाई व्यवस्था की सब बेहाल लगता है। खुद उपायुक्त कितनी ही बार बैठकें लेकर जरूरी निर्देश जारी कर चुके हैं पर समाधान के नाम पर कुछ नजर नहीं आ रहा है। थोड़ी बरसात में शहर जलमग्न होने लगता है। शहरवासी जलभराव को लेकर भी भयभीत हैं। अमरुत योजना पर काम तो हुआ पर अभी तक उसके भी सार्थक परिणाम नजर नहीं आ रहे हैं। ऐसे में शहरवासी शहरी सरकार और प्रशासन को कोस रहे हैं। सरकुलर रोड से लेकर दूसरी सड़कें हो चुकी खस्ताहाल :

शहर के सरकुलर रोड के अलावा बासिया भवन से कोर्ट रोड, महम रोड, बड़ चौक से कीर्तिनगर रोड, दिनोद गेट से कृष्णा कालोनी, रेलवे रोड, रोहतक गेट से बस अड्डा रोड आदि के अलावा शहर की दूसरी सड़कें भी भगवान भरोसे छोड़ दी गई हैं। इससे शहरवासी खासे परेशान हैं और प्रशासन को कोस रहे हैं। शहरी सरकार पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि शहर की सुध नहीं ली जा रही और शहर वासी परेशान हैं। चहेते बिल्डरों द्वारा काटी गई अवैध कालोनियों में बहाया जा रहा सरकारी रुपैया

शहरवासियों का कहना है कि चहेते बिल्डर अवैध कालोनिया काटते हैं वहां पर सरकारी रुपये सीवर और सड़क आदि बनाने के नाम पर बहाए जा रहे हैं। पिछले दिनों अभियान चला कर खुद उपायुक्त ने अवैध निर्माण गिरवाए थे। अवैध रूप से काटी गई कालोनियों में सरकारी रुपया बहाया जा रहा है तो इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। शहरवासियों में भय

बरसाती पानी की निकासी के लिए भी उचित प्रबंध नहीं होने से शहरवासी डरे हुए हैं। मानसून के सीजन में बरसात होते ही जलभराव हो जाता है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि बरसात खत्म होने के तीन चार घंटों में शहर का पानी निकाल दिया जाता है। शहरवासी कह रहे हैं कि ठोस प्रबंध नहीं होने से शहर की निचली कालोनियों की तो बात ही क्या है पाश कालोनियों में भी जलभराव हो जाता है। बाक्स : नगर परिषद और प्रशासन को चाहिए कि शहर की सुध ले। वर्तमान में शहर के हालात विकास के नाम पर सबके सामने हैं। कहने को यहां पर करोड़ों का विकास किया गया है लेकिन हकीकत धरातल पर साफ नजर आती है।

- भानुप्रकाश, प्रधान, नगर व्यापार मंडल।

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