माला, सिर पर पगड़ी.. घोड़ी पर नकिलीं निकासी दिया बनवारा

मदन श्योराण ढिगावा मंडी गले में नोटों का हार घोड़े पर दूल्हे की तरह सजी बेटी पूरी

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Oct 2020 04:39 AM (IST) Updated:Fri, 30 Oct 2020 04:39 AM (IST)
माला, सिर पर पगड़ी.. घोड़ी पर नकिलीं निकासी दिया बनवारा
माला, सिर पर पगड़ी.. घोड़ी पर नकिलीं निकासी दिया बनवारा

मदन श्योराण, ढिगावा मंडी:

गले में नोटों का हार, घोड़े पर दूल्हे की तरह सजी बेटी, पूरी तरह से तैयार पूजा। कुछ ऐसा ही नजारा था गांव अमीरवास का। यहां घोड़े पर बैठकर एक बेटी की शादी से पहले निकासी निकल रही थी। क्षेत्र के गांव अमीरवास में एक लड़की को घोड़ी पर बैठाकर बनवारा निकाला गया।

ऐसा नजारा गांव में ही क्या, इलाके में पहली बार देखने को मिला। गांव में पूजा के इस बनवारे की सर्वत्र चर्चा हो रही है। गांव अमीरवास में पूजा का आज विवाह है। उसका बनवारा घोड़ी पर बैठरकर गांव में बाजे-गाजे के साथ निकाला गया। पूजा के पिता रण सिंह ने बताया कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत उनकी तरफ से यह पहल की गई, जिससे कि लोग समाज में लड़कियों को मान-सम्मान दें। लड़का-लड़की में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं है।

भिवानी के गांव अमीरवास में देररात को पूजा ने अपनी शादी में घोड़ी पर बनवारा (निकासी) निकालकर एक नई पहल की, जिसे देखने के लिए ग्रामीण इकट्ठे हुए। इस निकासी में दुल्हन समेत परिवार के लोग गांव में डीजे के गानों पर थिरकते नजर आए। बता दें कि अक्सर इस तरह से बनवारा या निकासी लड़कों की शादी में निकाला जाता है। ऐसा क्षेत्र में पहली बार हुआ कि जब दुल्हन ने घोड़े पर अपना बनवारा निकाला है।

पूजा ने बताया कि मेरे पिता मेरा बनवारा निकाल रहे हैं। मुझे बेहद खुशी हो रही है। कल मेरी शादी है, हमारे परिवार ने शुरू से ही लड़कियों को लड़कों की तरह रखा है। किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं था। लड़कियां भी लड़कों से पीछे नहीं है। इस मौके पर परिवार के सोमबीर, कर्मवीर, सुनील और पिटू अन्य लोगों ने बताया कि हमारा परिवार सबसे अलग विचारधारा वाला परिवार है। लड़कों और लड़कियों में किसी में भी भेदभाव नहीं किया जाता है। दुल्हन ने घोड़े पर अपना बनवारा निकाला है।

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