जिले में जैव विविधता का गांव दूधवा में तैयार हुआ पहला नक्शा, प्राकृतिक संपदा को दर्शाया
जागरण संवाददाता चरखी दादरी जैव विविधता का पहला नक्शा जिले के गांव दूधवा में तैयार किया ग
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : जैव विविधता का पहला नक्शा जिले के गांव दूधवा में तैयार किया गया है। इसमें गांव की रिहायशी बस्ती के अलावा कृषि भूमि, गांव के पेड़-पौधे, वन भूमि, जोहड़ इत्यादि को दर्शाया गया है। जैव विविधता बोर्ड की जिला समन्वयक बबीता श्योराण की अध्यक्षता में शनिवार को गांव दूधवा की जैव प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में राज्य जैव विविधता बोर्ड के दिशा-निर्देशानुसार गांव की बीएमसी अर्थात बायो डाइवर्सिटी मैनेजमेंट कमेटी ने गांव का पीआरए मैप तैयार किया। बबीता श्योराण ने कहा कि दूधवा गांव में जैव विविधता प्रचुर मात्रा में मौजूद है। यहां गेहू़, सरसों, सूरजमुखी, जौ आदि के अलावा चना और मूंग दोनों फसलें ली जा रही हैं। गांव के किसान मछली पालन, पशु पालन व बागवानी की योजनाओं से अपने परिवार को साधन-संपन्न व समृद्ध बनाने में लगे हुए हैं। गांव में कीन्नू, अजवायन, मौसमी, खजूर व बेर की बागवानी की जा रही है। जोहड़ के आसपास पुराने पेड़ लगे हुए हैं। यहां के लोगों ने अपनी प्राकृतिक संपत्ति को संभालकर रखा हुआ है। गांव दुधवा में सुदर्शन फूल, अकसंद, पिलपोटन, मेंहदी, अमरबेल, धतुरा, पीली कागनी, कुकरभगरा, संजीवनी, दुधी, शंखपुष्पी, कुरल, नक्जनावची, तुलसी, नकछिकनी, पत्थरचट, मोगरा, चंपा, गो जीभ, पुनर्नवा इत्यादि के पौधे भरपूर संख्या में लगे हुए हैं। इन पौधों से आयुर्वेद की अनेक दवाइयां बनाई जाती हैं। बैठक में वन रक्षक अमित, उर्मिला देवी, पदमा देवी, रोशन, राजेश, राजबीर, जयभगवान, प्रदीप, रमन, ओमप्रकाश इत्यादि उपस्थित रहे।