कंपनी ने की फसल पैदावार में कटौती, भाकियू नेट्रैक्टर का कमर्शियल पंजीकरण करने का विरोध जताया

बाढड़ा कस्बे के किसान भवन में सोमवार को भाकियू की बैठक हुई। जिसमें कृषि विभाग व बीमा कंपनी द्वारा कपास पैदावार श्रेणी में कटौती करने व ट्रैक्टर को कृषि के बजाय कमर्शियल वाहन पंजीकृत करवाने का दबाव बनाने को लेकर सभी ने रोष जताया। भाकियू ने इस बारे में जल्द ही राज्यपाल व सीएम को ज्ञापन देने तथा जिला स्तरीय आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 08:41 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 08:41 AM (IST)
कंपनी ने की फसल पैदावार में कटौती, भाकियू नेट्रैक्टर का कमर्शियल पंजीकरण करने का विरोध जताया
कंपनी ने की फसल पैदावार में कटौती, भाकियू नेट्रैक्टर का कमर्शियल पंजीकरण करने का विरोध जताया

संवाद सहयोगी, बाढड़ा: बाढड़ा कस्बे के किसान भवन में सोमवार को भाकियू की बैठक हुई। जिसमें कृषि विभाग व बीमा कंपनी द्वारा कपास पैदावार श्रेणी में कटौती करने व ट्रैक्टर को कृषि के बजाय कमर्शियल वाहन पंजीकृत करवाने का दबाव बनाने को लेकर सभी ने रोष जताया। भाकियू ने इस बारे में जल्द ही राज्यपाल व सीएम को ज्ञापन देने तथा जिला स्तरीय आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी। सर छोटूराम किसान भवन में भाकियू अध्यक्ष धर्मपाल बाढड़ा की अध्यक्षता में आयोजित हलका स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए महासचिव हरपाल भांडवा ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार किसानों के साथ हर मामले में अनुचित व्यवहार कर रही है। कृषि विभाग ने बीमा कंपनी से सांठगांठ कर कपास की पैदावार को दस क्विंटल से कमी कर मात्र छह क्विंटल को ही स्वीकृति दी है। जिससे अब किसान को भविष्य में कोई भी नुकसान होने पर मुआवजा नहीं मिलेगा। प्रदेश सरकार बीमा कंपनियों के प्रीमियम में बढ़ोतरी कर रही है लेकिन मुआवजा वितरण को लेकर नई नई शर्तें लगाकर किसानों को सहायता नहीं दी जा रही। ग्रामीण क्षेत्र के किसान कृषि के साथ ही पहाड़ी क्षेत्र से कभी कभार रेती, क्रशर, रोड़ी लेकर आते हैं लेकिन अब सरकार ने अचानक ही उनमें यह सामान ढुलाई करने पर रोक लगा दी है। जिससे अब आम आदमी को भी ट्रैक्टर ट्राली को वाणिज्य वाहन की श्रेणी में पंजीकृत करवाना पड़ेगा या फिर बड़े ट्रक की मदद लेनी पड़ेगी। यह किसान हितों व ग्रामीण बेरोजगार ट्रैक्टर चालकों के हितों से खिलवाड़ है जो किसी सूरत में सहन नहीं होगा। पदाधिकारियों ने ये दोनों निर्णय वापस ना लेने पर जल्द ही जिला स्तरीय रोष मार्च निकाल कर एसडीएम के माध्यम से राज्यपाल व सीएम मनोहर लाल को ज्ञापन भेजने का निर्णय लिया। बैठक में पूर्व सरपंच गिरधारी मोद, रणधीर सिंह हुई, सूबेदार चंद्रपाल चांदवास, प्रेम भारीवास, इंद्रजीत डालावास, धर्मपाल मोठसरा, हवा सिंह, रामनिवास, प्रताप हंसावास, विकास, रमेश कुमार भी मौजूद रहे।

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