कृषि कानून संसद द्वारा रद होना किसान आंदोलन की ऐतिहासिक जीत: रणधीर कुंगड़
जागरण संवाददाता भिवानी संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा चलाए जा रहे किसान आंदोलन के एक वर्ष पूर
जागरण संवाददाता, भिवानी :
संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा चलाए जा रहे किसान आंदोलन के एक वर्ष पूरा होने पर तीनों विवादित कृषि कानून लोकसभा और राज्यसभा में वापस लेने पर आंदोलकारियों ने खुशी जताई है। इसे आंदोलकारियों के संघर्ष की जीत बताया गया। सोमवार को कितलाना टोल पर धरने को संबोधित करते हुए किसान सभा के रणधीर कुंगड़ ने कहा कि ये जीत किसान-मजदूर की एकता तथा लोकतंत्र की जीत हुई है। जब शासक वर्ग जनता पर मनमाने कानून जबरदस्ती थोपता है तो जनता जाति और धर्म से ऊपर उठकर अपनी एकता व संगठन बनाकर संघर्ष करके उनको अपने जनविरोधी कदमों को वापस करने पर मजबूर कर देती है। उन्होंने कहा कि अब आंदोलन सफलता की ओर बढ़ रहा है और किसानों के बाकी मुद्दे भी हल होने की संभावनाएं बढ़ी हैं।
धरने को सम्बोधित करते हुए किसान नेता रणधीर घिकाड़ा ने एमएसपी की संवैधानिक गांरटी लागू करने, बिजली बिल कानून 2020 व 21 रद करने, आंदोलन के दौरान सभी किसानों के मुकदमें रद करने, शहीद किसानों के परिवारों को आर्थिक मदद व रोजगार देने वास्ते संयुक्त किसान मोर्चा से केन्द्र सरकार को शीघ्र बातचीत करनी चाहिए। उन्होंने लखीमपुर खीरी किसान हत्या कांड के कथित सूत्रधार केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को तुरंत हटाकर गिरफ्तार करने की मांग की। उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान भिवानी-दादरी के तीन शहीद किसानों जगराम सांगवान कितलाना, कमल सिंह मांढी व सज्जन डोहकी के परिवारों को भी मदद की मांग की जो कितलाना टोल पर धरने में शामिल थे। यदि सरकार ने उनकी बाकी मांगों पर बातचीत से हल नहीं निकाला तो संयुक्त किसान मोर्चा चार दिसंबर को आंदोलन तेज करने का निर्णय लेगा।
कितलाना टोल पर चल रहे धरने के 338वें दिन की अध्यक्षता सांगवान खाप चालीस से सुरेंद्र कुब्जा नगर, किसान सभा से रणधीर कुंगड़, चौ. छोटूराम डा. आंबेडकर मंच से गंगाराम स्योराण, रिटायर्ड कर्मचारी संघ से हरबीर नंबरदार व महिला किसान मोर्चा से रतनी डोहकी व बिमला कितलाना ने संयुक्त रूप से की। मंच संचालन किसान सभा के कामरेड ओमप्रकाश ने किया। इस अवसर पर सुरजभान सांगवान, ओम नंबरदार चरखी, सरदार सिंह डोहकी, रतन सिंह घिकाड़ा, महाबीर धनाना, रमेश शर्मा, राजेन्द्र जांगड़ा, रामानन्द धानक, सुबेदार सतबीर सिंह, समुन्द्र सिंह धायल, सुरेश मानकावास, भोलू खान डोहकी, सुरेन्द्र डोहकी, मास्टर सुरेन्द्र गोरीपुर, नन्दलाल अटेला, धर्मबीर यादव व अमीन खान शामिल थे।