डीएपी के लिए जद्दोजहद जारी, जल्द सुबह से सदर थाने के बाहर लगी दूर तक कतारें, शाम तक वितरित हुए 2500 टोकन

जागरण संवाददाता चरखी दादरी दादरी जिले में पिछले कुछ दिनों से किसानों को डी अमोनियम फास्फ

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 06:14 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 06:14 PM (IST)
डीएपी के लिए जद्दोजहद जारी, जल्द सुबह से सदर थाने के बाहर लगी दूर तक कतारें, शाम तक वितरित हुए 2500 टोकन
डीएपी के लिए जद्दोजहद जारी, जल्द सुबह से सदर थाने के बाहर लगी दूर तक कतारें, शाम तक वितरित हुए 2500 टोकन

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : दादरी जिले में पिछले कुछ दिनों से किसानों को डी अमोनियम फास्फेट, डीएपी खाद प्राप्त करने के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। मांग अधिक तथा आवक कम होने के कारण किसानों को समय पर डीएपी नहीं मिल पा रही है। किसानों को मजबूरन कई-कई चक्कर लगाने के बाद डीएपी के दो बैग मिल रहे हैं। प्रशासन द्वारा व्यवस्था बनाए रखने के लिए किसानों को पुलिस स्टेशन में डीएपी के लिए टोकन दिए जा रहे हैं। शनिवार को जहां किसानों को दादरी के सिटी पुलिस स्टेशन में टोकन दिए गए थे, वहीं सोमवार को रोहतक रोड स्थित सदर पुलिस स्टेशन में टोकन दिए गए। डीएपी के टोकन लेने के लिए सोमवार अलसुबह से ही किसान सदर पुलिस स्टेशन में पहुंचने शुरू हो गए थे। देखते ही देखते किसानों की संख्या काफी बढ़ गई और किसानों की कतार सदर थाने से घिकाड़ा मोड़ तक पहुंच गई। इस दौरान काफी संख्या में बुजुर्ग व महिलाएं भी बच्चों के साथ लाइनों में लगने को मजबूर नजर आए। सदर थाने में टोकन लेने के बाद किसानों को यहां से करीब चार किलोमीटर दूर नई अनाज मंडी में जाकर डीएपी के बैग लेने पड़े। जिसके चलते किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सोमवार को सदर पुलिस स्टेशन में करीब 2500 किसानों को टोकन दिए गए। सुबह आठ बजे से लगा हूं लाइन में : मांगेराम

दादरी के सदर पुलिस स्टेशन में पहुंचे गांव महराणा निवासी मांगेराम ने बताया कि वह सुबह आठ बजे से लाइन में लगा हुआ है। करीब चार घंटे तक उसका टोकन के लिए नंबर नहीं आया है। इससे पहले भी वह दो बार चक्कर लगा चुका है। मांगेराम ने बताया कि एक किसान को केवल दो बैग डीएपी दी जा रही है, जबकि मांग अधिक है। धूप के चलते बनी रही परेशानियां : सत्यकुमार

गांव साहूवास निवासी सत्य कुमार ने बताया कि वह सुबह साढ़े सात बजे लाइन में लगा था। धूप के चलते काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ रहा है। सत्य कुमार का कहना है कि लाइन में कई घंटे लगने के बावजूद भी तसल्ली नहीं है कि डीएपी मिल जाएगी। मैं कल भी आया था खाद लेने : चंद्रपाल

दादरी के सदर पुलिस स्टेशन में डीएपी टोकन के लिए लाइन में लगे गांव साहूवास निवासी चंद्रपाल ने बताया कि वह कल भी आया था। लेकिन उसे पता चला कि सोमवार को टोकन मिलेंगे। जिसके चलते वह सोमवार को सुबह सात बजे ही आकर लाइन में लग गया था। लेकिन दोपहर 12 बजे तक तो उसका नंबर नहीं आया। तीन बार आ चुका हूं खाद के लिए : रामफल

डीएपी टोकन के लिए लाइन में लगे गांव निमली निवासी 84 वर्षीय रामफल को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। रामफल ने बताया कि वह पहले तीन बार आ चुका है, लेकिन अभी तक उसे डीएपी नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि बार-बार किराया लगाकर आना पड़ता है और फिर कई बार यहां से बैरंग लौटना पड़ रहा है। दो के बजाय मिलें पांच बैग डीएपी

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि डीएपी की किल्लत को देखते हुए किसानों को प्रत्येक आधार कार्ड पर केवल दो बैग डीएपी के दिए जा रहे हैं। वहीं केवल एक किसान को एक ही टोकन दिया जा रहा है। सदर पुलिस स्टेशन में डीएपी के लिए लाइन में लगे किसानों ने बताया कि सरसों व गेहूं की बीजाई के दौरान एक एकड़ जमीन में एक बैग डीएपी की जरूरत पड़ती है। ऐसे में यदि किसी किसान के पास दो एकड़ से अधिक जमीन है तो उसे दोबारा से आकर लाइन में लगना पड़ेगा या फिर अपने परिवार के अन्य सदस्यों को भी लाइन में लगाना पड़ेगा। किसानों का कहना है कि भीड़ को कम करने तथा इस समस्या के समाधान के लिए प्रत्येक आधार कार्ड पर दो के बजाय डीएपी के पांच बैग दिए जाएं। सोमवार को बदला टोकन का स्थान

बता दें कि शनिवार को दादरी के सिटी पुलिस स्टेशन में डीएपी के लिए टोकन वितरित किए गए थे। लेकिन वहां पर किसानों की संख्या अधिक होने के कारण भगवान परशुराम चौक से ट्रैफिक को डायवर्ट करना पड़ा था। जिससे त्योहारी सीजन पर बाजार में कारोबार प्रभावित हुआ। ऐसे में सोमवार को प्रशासन द्वारा सदर पुलिस स्टेशन में टोकन देने का निर्णय लिया गया। सोमवार को पहुंचे 5000 बैग

दादरी के सदर थाने में मौजूद खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी सुभाष शर्मा ने बताया कि सोमवार को डीएपी के 5000 बैग पहुंचे हैं। जिसके चलते करीब ढाई हजार किसानों को टोकन दिए गए हैं। प्रत्येक टोकन पर किसान को दो बैग डीएपी मिल रही है।

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