हवन-यज्ञ से वातावरण होता है स्वच्छ : श्रीमहंत अशोक गिरी

हालुवास गेट पर स्थित सिद्धपीठ बाबा जहरगिरी आश्रम में शिवशक्ति जन कल्याण सेवा ट्रस्ट के द्वारा अक्षय तृतीया के उपलक्ष में शुक्रवार को हवन-यज्ञ का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 07:50 AM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 07:50 AM (IST)
हवन-यज्ञ से वातावरण होता है स्वच्छ : श्रीमहंत अशोक गिरी
हवन-यज्ञ से वातावरण होता है स्वच्छ : श्रीमहंत अशोक गिरी

जागरण संवाददाता, भिवानी : हालुवास गेट पर स्थित सिद्धपीठ बाबा जहरगिरी आश्रम में शिवशक्ति जन कल्याण सेवा ट्रस्ट के द्वारा अक्षय तृतीया के उपलक्ष में शुक्रवार को हवन-यज्ञ का आयोजन किया गया। श्रीमहंत जूना अखाड़ा डा. अशोक गिरी महाराज ने हवन-यज्ञ में आहुति डालते हुए कहा कि अक्षय तृतीया या आखा तीज वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कहते हैं। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किए जाते हैं, उनका अक्षय फल मिलता है।

इसी कारण इसे अक्षय तृतीया कहा जाता है। वैसे तो सभी बारह महीनों की शुक्ल पक्षीय तृतीया शुभ होती है, किन्तु वैशाख माह की तिथि स्वयंसिद्ध मुहूर्तो में मानी गई है। उन्होंने कहा कि शुभ व मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह-प्रवेश, वस्त्र-आभूषणों की खरीददारी या घर, भूखंड, वाहन आदि की खरीददारी से संबंधित कार्य किए जा सकते हैं। श्रीमहंत ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी को खत्म करने के लिए तथा अपने आस-पड़ोस की वातावरण को शुद्ध करने के लिए हवन-यज्ञ बहुत जरूरी है। हवन-यज्ञ से वातावरण स्वच्छ होगा, जिससे वातावरण में फैली विभिन्न बीमारियां खत्म हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि हमें अपने घर में हवन यज्ञ करते रहना चाहिए। श्रीमहंत ने कहा कि यज्ञ एक विशिष्ट वैज्ञानिक और आध्यात्मिक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा मनुष्य अपने जीवन को सफल बना सकता है। यज्ञ के जरिये आध्यात्मिक संपदा की भी प्राप्ति होती है। श्रीमहंत अशोक गिरी महाराज ने कहा कि हवन के लिए पवित्रता की जरूरत होती है, ताकि सेहत के साथ उसकी आध्यात्मिक शुद्धता भी बनी रहे। इस अवसर पर बाबा कैलाश गिरी, कामाख्या गिरी, बसंत शास्त्री, भी उपस्थित थे।

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