एसडीएम ने डीसी को भेजी जांच रिपोर्ट, बीमा कंपनियों, कृषि विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से नियमों की की गई अनदेखी

पवन शर्मा बाढड़ा गांव काकड़ौली हट्ठी में खरीफ सीजन 2020 में बर्बाद हुई कपास की फसल का म

By JagranEdited By: Publish:Wed, 20 Oct 2021 07:36 AM (IST) Updated:Wed, 20 Oct 2021 07:36 AM (IST)
एसडीएम ने डीसी को भेजी जांच रिपोर्ट, बीमा कंपनियों, कृषि विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से नियमों की की गई अनदेखी
एसडीएम ने डीसी को भेजी जांच रिपोर्ट, बीमा कंपनियों, कृषि विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से नियमों की की गई अनदेखी

पवन शर्मा, बाढड़ा

गांव काकड़ौली हट्ठी में खरीफ सीजन 2020 में बर्बाद हुई कपास की फसल का मुआवजा न मिलने के मामले की उपायुक्त के आदेश पर शुरू की गई जांच में एसडीएम ने अनेक अनियमितताएं दर्शाते हुए उपायुक्त दादरी को बीमा कंपनी, कृषि विभाग के अधिकारियों पर नियमों के खिलाफ सूची तैयार कर किसानों को नुकसान पहुंचाने की रिपोर्ट भेजी है। उपमंडल अधिकारी की रिपोर्ट में कृषि विभाग व बीमा कंपनियों की आपसी मिलीभगत उजागर हो गई। एसडीएम शंभु राठी ने अपनी एक माह की जांच में सारे रिकार्ड का आंकलन करवाते हुए किसानों के क्राप कटिग में शामिल रकबे को दूसरे गांव से भी 30 मील दूर होने, कृषक, नंबरदार व सरपंच के हस्ताक्षर ना होने, रिपोर्ट में बीमा कंपनी व कृषि विभाग द्वारा खेतों से लिए गए नुकसान का साक्ष्य पेश ना करने की जानकारी शामिल करते हुए इस गड़बड़झाले की सीएम विजिलेंस या अन्य उच्च जांच एजेंसी से जांच करने, मनमानी बरतने वाले अधिकारियों पर चार्जशीट, निलंबन जैसी कठोर कार्यवाही और प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा जारी करवाने के लिए कदम उठाने की सिफारिश की है। चार सितंबर को उपमंडल अधिकारी कार्यालय में प्रभावित प्रभावित किसानों के प्रतिनिधिमंडल के अलावा कृषि, राजस्व विभाग के अधिकारियों ने एसडीएम शंभु राठी के समक्ष अपने बयान दर्ज करवाए। राजस्व विभाग ने भी अपनी तरफ से गांव के नुकसान की रिपोर्ट पेश की तथा कृषि विभाग के तीन अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट जांच एजेंसी के समक्ष रखकर बताया कि वह उस समय की कपास की फसल की तीन बार चुगाई करवा कर मौके पर ही किसान व गांव के नंबरदार, सरपंच के हस्ताक्षर करवा कर अंतिम रिपोर्ट तैयार कर राज्य मुख्यालय भेजी थी। जिसके बाद कृषि विभाग व बीमा कंपनी ने गांव के किसानों की फसलों को मुआवजा श्रेणी से बाहर कर दिया। इस पर जांच में शामिल पीड़ित किसान, सरपंच व नंबरदार ने लिखित में दिए बयान में बताया कि बीमा कंपनी व कृषि विभाग के कर्मचारी गांव में ना पहुंच कर कार्यालयों में बैठकर ही रिपोर्ट तैयार करते हैं। कृषि अधिकारियों ने किसानों का किया नुकसान

गांव के सरपंच अजीत सिंह की अगुवाई में किसान सतपाल सिंह, बलवान, अजय कुमार, सूबेदार सूरजभान, सीताराम, शक्ति पहलवान, बलवान सिंह, सूर्यप्रकाश, धर्मेंद्र सिंह, सोमबीर सिंह इत्यादि ने बताया कि खरीफ सीजन 2020 में कपास की फसल सौ फीसद खराब हुई थी। गांव के रकबे को 75 फीसद नुकसान श्रेणी में शामिल किया गया। लेकिन बीमा कंपनी व कृषि एजेंसी ने गांव की उत्पादन रिपोर्ट में उच्च श्रेणी बताकर मुआवजा स्वीकृति पर ब्रेक लगा दिया। अधिकारियों को तत्काल निलंबित करें

इनेलो जिला अध्यक्ष विजय पंचगांवां व हलका अध्यक्ष सत्यवान शास्त्री ने कहा कि कृषि विभाग के कर्मचारी बीमा कंपनियों से सांठगांठ कर किसानों से करोड़ों रुपयों का प्रीमियम तो ले लेते हैं। लेकिन नुकसान होने के बावजूद मुआवजा नहीं देते। काकड़ौली हट्ठी के किसानों की फर्जी उपस्थिति दर्ज करवा कर बिना नंबरदार ही रिपोर्ट बना दी गई। इस मामले में संलिप्त अधिकारियों को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर कार्रवाई की जाए। सांसद के समक्ष उठा था मामला

गांव काकड़ौली हट्ठी के किसानों के साथ पीएम फसल बीमा योजना में की गई उपेक्षा का मामला सांसद धर्मबीर सिंह की अगुवाई में सतर्कता कमेटी की बैठक में भी गूंजा। जिसमें उपायुक्त व एसडीएम ने अब तक की गई जांच कार्यवाही के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब तक की जांच में कपास के खराबे की रिपोर्ट में काफी मनमानी व भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। सांसद धर्मबीर सिंह ने तुरंत जांच रिपोर्ट तैयार कर कठोर कार्यवाही के आदेश दिए।

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