बड़ी लापरवाही, बिना पीपीइ किट पहने लिए जा रहे सैंपल
लैब स्टाफ खुद की जान को जोखिम में डाल कर कोरोना को दे रहा बढ़ावा है। अश
जागरण पड़ताल : लैब स्टाफ खुद की जान को जोखिम में डाल कर कोरोना को दे रहा बढ़ावा
अशोक ढिकाव, भिवानी : जिले में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। पुलिस हो या फिर स्वास्थ्य विभाग हर विभाग अपनी जिम्मेदारी के साथ इस महामारी पर कंट्रोल करने का प्रयास कर रहा है। मुख्य रूप से संक्रमण रोकने से लेकर मरीजों का इलाज करने की बड़ी जिम्मेदारी हेल्थ डिपोर्टमेंट पर है, लेकिन देखने में आ रहा है कि स्वास्थ्य विभाग की लैब हो या फिर वार्ड हर जगह लापरवाही बरती जा रही है। दैनिक जागरण ने इसकी पड़ताल करने कोशिश की। स्वास्थ्य विभाग का करीब 162 सदस्यों का स्टाफ सैंपल लेने, उनकी जांच करने के काम में जुटा है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है यह कोरोना योद्धा खुद ही बड़ी लापरवाही कर रहे है। बिना पीपीइ किट पहने ही सैंपल लेने से लेकर उनकी जांच करने तक का यूं चल रहा है। यही हाल कोविड-19 सैंपल जांच के लिए अधिकृत की गई 175 प्राइवेट लैब में भी देखने को मिला। किसी भी लैब में कोई भी किट पहने दिखाई नहीं दिया।
रोजाना 150 के लगभग नए मरीज मिल रहे है
जिले में अब 7759 कोरोना संक्रमित मरीज मिल चुके है। रोजाना 150 के लगभग नए मरीज मिल रहे है। संक्रमण को रोकने के लिए व संक्रमितों के इलाज के लिए किए गए बंदोस्त की दैनिक जागरण ने पड़ताल की। स्वास्थ्य विभाग संक्रमितों का इलाज करने में गंभीरता से लगा हुआ दिखाई दिया। पड़ताल में सामने आया कि सबसे अधिक जरूरी मानव संसाधन के सामान की उपलब्धता की पड़ताल की गई तो पाया कि वर्तमान में रोजाना 15 से 18 आक्सीजन सिलेंडरों की जरूरत होती। वर्तमान में विभाग के पास 100 बड़े आक्सीजन सिलेंडर व 200 छोटे आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध है। इसके साथ ही दस आक्सीजन कंसीटेशन सिलेंडर उपलब्ध है। इतना ही नहीं सिलेंडर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध करवाने के लिए एक निजी कंपनी के टेंडर दिया हुआ है और कंपनी की पूरी जिम्मेदारी तय की हुई है। लैब में मिली बड़ी लापरवाही
जिले भर से सैंपल लेकर अब कोरोना टेस्ट के लिए अब चौ.बंसीलाल अस्पताल स्थित कोविड-19 लैब में भेजे जाते है। रोजाना करीब एक हजार से 15 सौ सैंपल लिए जा रहे है। ऐसे में इन सैंपलों को लेने वाले से लेकर जांच करने वाले तक एलटी व सहायक के पास कोविड-19 संक्रमण से बचने के लिए पीपीइ किट, एन-95 मास्क, गलब्स होना अति जरूरी है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि बिना किट के ही केवल साधारण मास्क लगा कर सैंपल लिए जा रहे है। यह लापरवाही उनकी जान पर भारी पड़ती दिखाई दे रही है। सरकारी ही नहीं प्राइवेट लैब में भी बिना किट पहने ही लिए जा रहे सैंपल
कोविड-19 की गाइड लाइन के हिसाब से सरकारी लैब हो या फिर प्राइवेट लैब हर जगह कोविड-19 सैंपल लेते समय पूरी सावधानी बरतने के आदेश है। जिले में ऐसी 175 प्राइवेट लैब है जहां पर कोरोना का टेस्ट किया जा रहा है।प्राइवेट लैब में भी एलटी बिना ही किट पहने हुए सैंपल लेने में व्यस्त दिखाई दिए, जो एक बड़ी लापरवाही
है। ओपीडी हो या आपात विभाग नहीं दिखी दो गज की दूरी
स्वास्थ्य विभाग यूं तो दूसरों को मास्क लगाने, किट पहने व शारीरिक दूरी नियमों की पालना करने पाठ पढ़ाने में लगा है, लेकिन जागरण पड़ताल में सामने आया कि सरकारी अस्पताल की ओपीडी हो, आपात विभाग, अल्ट्रासाउंड केंद्र हर जगह नियमों की पालना दरकिनार है। मरीजों से लेकर खुद स्टाफ ही बिना शारीरिक दूरी के सेवाएं देने में लगा है। ऐसे में संक्रमण को बढ़ावा मिलता दिखाई दे रहा है।
जिले में आक्सीजन सिलेंडर की स्थिति :
स्वास्थ्य विभाग के पास रोजाना उपलब्ध आक्सीजन सिलेंडर : 350
-- रोजाना खपत हो रही : 50
खत्म होने से पहले ही सिलेंडरों की व्यवस्था के लिए अलग से कंपनी अधिकृत
जिले में आक्सीजन सिलेंडर सप्लाई करने वाली निजी एजेंसी : 03
निजी आक्सीजन एजेंसी में उपलब्धता : 700
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लैब सरकारी : 01
प्राइवेट लैब : 175
अब तक कुल सैंपल : 23, 23,57
पैंडिग सैंपल रिपोर्ट : 1977
नेगिटिव रिपोर्ट अब तक : 22,3504
पॉजिटिव रिपोर्ट अब तक : 7759
पीपीइ किट : 1555
एन-95 मास्क : 1054
------- वर्जन :
लैब में जांच या फिर सैंपल लेने के दौरान पीपीइपी किट पहना जरूरी है। अगर इसमें किसी तरह की कोताही बरती जा रही है तो तुरंत प्रभाव से स्टाफ को सख्त आदेश जारी किए जाएंगे। कुछ स्टाफ किट उपलब्ध होने के बाद भी अपनी मरीजी से नहीं पहन रहा है। इसके लिए नियम सुनिश्चित किए जाएंगे।
-- राजेश कुमार, कोविड-19 कोर्डिनेटर जिला भिवानी
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अशोक ढिकाव