जनस्वास्थ्य विभाग ने शुरू की सीवरेज लाइनों को खोलने की मुहिम, एक्सईएन त्यागी ने खुद संभाली कमान

जागरण संवाददाता चरखी दादरी बहुत समय से जाम पड़ी सीवरेज लाइनों की सफाई का कार्य जनस्वास्थ्

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 06:14 PM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 06:14 PM (IST)
जनस्वास्थ्य विभाग ने शुरू की सीवरेज लाइनों को खोलने की मुहिम, एक्सईएन त्यागी ने खुद संभाली कमान
जनस्वास्थ्य विभाग ने शुरू की सीवरेज लाइनों को खोलने की मुहिम, एक्सईएन त्यागी ने खुद संभाली कमान

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : बहुत समय से जाम पड़ी सीवरेज लाइनों की सफाई का कार्य जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग ने युद्धस्तर पर शुरू कर दिया है। चरखी दरवाजा क्षेत्र और गोशाला रोड के लोगों अब बड़ी राहत मिली है। नियमित रूप से कार्यकारी अभियंता की नियुक्ति होने पर धरातल पर कदम उठाए जा रहे हैं। जनस्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता एसके त्यागी ने फील्ड में काम करना शुरू कर दिया है। उन्होंने सबसे पहले शहर की बंद पड़ी सीवरेज लाइनों को खोलने का अभियान चलाया है। जिसके लिए वीरवार शाम से शुक्रवार को सुबह चार बजे तक मशीनों व मैनपावर से काम किया गया। पूरी रात चरखी दरवाजा और गोशाला रोड की लाइनों को खोलने के लिए कार्यवाही जारी रही। सुपर सकर मशीन, जेटिग मशीन, आक्सीजन सिलेंडर, मोटर, वाहन इत्यादि का प्रयोग करते हुए इन लाइनों को खोला गया है। इसमें सुरक्षा के लिए सफाई कर्मियों ने सेफ्टी बेल्ट, दस्ताने व मास्क पहने हुए थे। दादरी शहर में चरखी गेट पर दूषित जलभराव की विकट समस्या के कारण लोगों का यहां से निकलना मुश्किल हो गया था। शहर के अधिकांश वाहन चालक इस रोड पर आने के लिए रास्ता बदलकर लोहारू रोड और बस स्टैंड रोड से घूम कर जा रहे थे। हर समय सीवरेज मैनहोल से यहां पानी बाहर निकल रहा था। जिस कारण वातावरण दुर्गंधमय बना हुआ था। इसी तरह दूषित जलभराव से गोशाला रोड के लोग भी काफी परेशान थे। सीवरेज लाइनों के खुलने से यहां के लोगों को बड़ी राहत मिली है। सीवरेज लाइनों के ब्लाक होने के कारण बताए

कार्यकारी अभियंता संजीव त्यागी ने बताया कि इन सीवरेज लाइनों के ब्लाक होने का मुख्य कारण गली की नालियों को सीवरेज से जोड़ना, शहर के बीच बसी आवासीय कालोनियों में चलाई जा रही डेयरियों का गोबर व कूड़ा करकट मैनहोल में आना और ठोस कचरा फंसना है। सीवरेज लाइन जाम ना हों इसके लिए लोगों को चाहिए कि वे गोबर, ठोस कूड़ा, पालिथीन, लोहा, कपड़े और प्लास्टिक इत्यादि सामान को सीवर में जाने से रोकें। सीवरेज लाइनें केवल टायलेट के लिए बनाई जाती हैं ना कि इनसे खुली नालियों की तरह सारा कूड़ा बहा देने का काम लिया जाता है। खुली नाली या नाले जाम हों तो कस्सी, फावड़े से कूड़ा बाहर निकाला जा सकता है।

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