रोजगार की आस में बच्चों सहित धरने पर बैठे बर्खास्त पीटीआइ
लगभग दो वर्षों से बेरोजगारी की मार झेलते हुए धरने पर बैठे बर्खास्
जागरण संवाददाता, भिवानी : लगभग दो वर्षों से बेरोजगारी की मार झेलते हुए धरने पर बैठे बर्खास्त पीटीआइ अब अपने बच्चों का भरण-पोषण भी सही ढ़ंग से कर पाने में सक्षम नहीं हैं। बेरोजगारी व आर्थिक तंगी के चलते बर्खास्त पीटीआइ के सामने परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। बच्चों की स्कूली फीस खर्च तक नहीं उठा पा रहे हैं। शुक्रवार को बर्खास्त पीटीआइ के बच्चे भी उनके धरने पर पहुंचे तथा प्रदेश सरकार से उनका भविष्य अंधकारमय ना किए जाने तथा उनके परिजनों की बहाली की गुहार लगाई।
शुक्रवार को बर्खास्त पीटीआइ का धरना 466वें दिन भी जारी रहा। धरने को संबोधित करते हुए हरियाणा शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष दिलबाग जांगड़ा ने कहा कि इतने लंबे समय से बेरोजगारी की मार झेल रहे बर्खास्त पीटीआइ के बच्चों को भी अब अपने भविष्य का भय सताने लगाने लगा है।
उन्होंने कहा कि उनके बच्चों को भय है कि उनके परिजनों की बेरोजगारी के चलते उन्हें भी अपनी पढ़ाई-लिखाई छोड़कर मजदूरी पर ना जुटना पड़े, क्योंकि बेरोजगारी के चलते वे अपने बच्चों की स्कूल फीस भी नहीं भर पा रहे हैं। प्रदेश सरकार की वायदाखिलाफी 1983 परिवारों की बर्बादी का कारण बनी हुई है।
सीएम की वायदाखिलाफी के विरोध में बर्खास्त पीटीआइ छह अक्टूबर से प्रदेश भर में भूख हड़ताल शुरू करेंगे तथा करनाल में पड़ाव डालेंगे। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द ही बर्खास्त पीटीआइ की बहाली नहीं हुई तो अब उनका आंदोलन उग्र रूप लेगा। शुक्रवार को क्रमिक अनशन पर सतीश सिवाना, बिजेंद्र सिंह, नीतू रानी, शिक्षा रानी रहे। इस अवसर पर कर्मचारी नेता सुशील कुमार, सूरजभान, पूर्व राज्य प्रधान राजेश ढ़ांडा, विजय कुमार, भरत सिंह, प्रवेश कुमार सिवाना, जरनैल सिंह पीटीआई, अनुराधा, हेमसा से राजेश लांबा, सुदेश रिवासा, राजेश कुमार, सुरेंद्र सिंह, परमजीत सिंह आदि मौजूद रहे।