मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ एक से सात तक होंगे विरोध प्रदर्शन

सरकार की मजदूर-विरोधी नीतियों रोजगार पर हमलों और श्रम अधिकारों के हनन के खिलाफ करेंगे प्रदर्शन।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 29 Sep 2020 06:10 AM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2020 06:10 AM (IST)
मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ एक से सात तक होंगे विरोध प्रदर्शन
मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ एक से सात तक होंगे विरोध प्रदर्शन

जागरण संवाददाता, भिवानी : सरकार की मजदूर-विरोधी नीतियों, रोजगार पर हमलों और श्रम अधिकारों के हनन के खिलाफ एआइयूटीयूसी ने 1 से 7 अक्तूबर तक सप्ताह भर विरोध कार्यक्रम का ऐलान किया है। इस दौरान प्रदेश में एआइयूटीयूसी से जुड़ी यूनियन, जिनमें मिड-डे-मील, आशा, आंगनबाड़ी, आदि वर्कर, औद्योगिक श्रमिक, दिहाड़ीदार, असंगठित क्षेत्र के श्रमिक, निर्माण मजदूर, कच्चे व ठेका के कर्मचारी, मनरेगा मजदूर अपनी मांगों को लेकर जिला स्तर पर धरना-प्रदर्शन के माध्यम से सरकार को ज्ञापन देंगे। वे सरकार की मजदूर-विरोधी नीतियों और निर्णयों के खिलाफ अपना प्रतिवाद दर्ज कराएंगे। इसके तहत रेलवे व अन्य सरकारी क्षेत्र, बैंक व अन्य वित्तीय संस्थानों, बिजली, कोयला, पेट्रोलियम, स्टील व अन्य सार्वजनिक उद्यमों-उपक्रमों व सेवाओं के निजीकरण, भवन निर्माण, मनरेगा सहित असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों, प्रवासी श्रमिकों व स्कीम वर्करों की समस्याओं और श्रम कानूनों में मालिक-परस्त संशोधन कर चार लेबर कोड पारित करने के खिलाफ व काम के अधिकार के लिए आवाज बुलंद की जाएगी।

श्रमिक नेता हरिप्रकाश ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार एक पर एक मजदूर कर्मचारी विरोधी नीतियां और निर्णय लेती ही जा रही हैं। रेलवे, बैंक, बीमा, कोयला, बिजली, प्रतिरक्षा, पेट्रोलियम, बीएसएनएल (दूरसंचार), शिक्षा, स्वास्थ्य आदि सार्वजनिक या सरकारी उद्यमों, उपक्रमों व सेवाओं का निजीकरण-निगमीकरण कर इनको देसी-विदेशी पूंजीपतियों के लिए खोल दिया है। ऐसे में श्रमिक चुप नहीं बैठेंगे और एक से सात अक्टूबर तक धरना प्रदर्शन किए जाएंगे।

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