संपत्ति क्षतिपूर्ति कानून की आड़ में आंदोलन को कुचलना चाह रही सरकार
जागरण संवाददाता भिवानी हरियाणा सरकार ने गत विधानसभा सत्र में जो संपत्ति क्षतिपूर्ति विधेयक पा
जागरण संवाददाता, भिवानी : हरियाणा सरकार ने गत विधानसभा सत्र में जो संपत्ति क्षतिपूर्ति विधेयक पास किया था। उस पर राज्यपाल ने मोहर लगाकर उसे कानून बना अपनी मानसिकता स्पष्ट कर दी है। यह बात कितलाना टोल प्लाजा पर चल रहे किसानों के धरने को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कही।
उन्होंने कहा कि इसकी आड़ में सरकार ने आंदोलन को असफल करने का षड्यंत्र रचा है जो सफल नहीं होगा। उन्होंने कहा कि सबसे पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री और पूरे मंत्रिमंडल पर मुकदमा दर्ज होना चाहिए जिनके निर्देश पर किसान आंदोलन के दौरान प्रदेश के कई राष्ट्रीय राजमार्ग तक खोदे गए। दादरी से निर्दलीय विधायक और खाप सांगवान चालीस के प्रधान सोमबीर सांगवान ने कहा कि सरकार किसानों को भड़काने का प्रयास कर रही है। सरकार ने कई मौकों पर किसानों और जवानों को आमने सामने किया है। उन्होंने कहा कि इस कानून का मकसद किसानों में भय पैदा करना है। लेकिन इसमें कामयाब नहीं होगी। उन्होंने कहा कि किसान तीन काले कानून रद्द होने तक किसी हालात में वापिस नहीं हटेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कितलाना टोल पर धरने के 154वें दिन खाप सांगवान चालीस के सचिव नरसिंह डीपीई, श्योराण खाप के राजकुमार हड़ौदी, किसान सभा के रामफल देशवाल, बलबीर बजाड़, ओमप्रकाश दलाल, कृष्णा छपार, संतोष देशवाल, प्रेम शर्मा ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। धरने का मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश को किया। इस अवसर पर किसान सभा के राज्य महासचिव सुमित दलाल, मास्टर ताराचन्द चरखी, जयबीर सिंह सांगवान, सुरेन्द्र कुब्जानगर, मास्टर शेरसिंह, जगदीश हुई, राजबीर फौगाट, पवन फौगाट, छात्र नेता सुरेन्द्र घनघस, रघबीर स्वामी, शमशेर सांगवान, रणधीर कुंगड़, महेन्द्र जेवली, कप्तान रामफल डोहकी, कवंरशेर चन्देनी, मीरसिंह नीमड़ीवाली, रामानन्द धानक, बलजीत मानकावास, सत्यवान कालूवाला, सुबेदार सतवीर सिंह इत्यादि मौजूद थे।