कितलाना टोल पर धरना जारी, सरकार की ओर से पारित नए भूमि अधिग्रहण संशोधन विधेयक को बताया किसान व आमजन विरोधी
जागरण संवाददाता चरखी दादरी संयुक्त किसान मोर्चे की ओर से आयोजित आंदोलन में कितलाना टोल
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : संयुक्त किसान मोर्चे की ओर से आयोजित आंदोलन में कितलाना टोल प्लाजा पर किसान धरने को संबोधित करते हुए खाप सांगवान चालीस के प्रधान व दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने कहा कि हाल ही में हरियाणा विधानसभा में पारित भूमि अर्जन पुनर्वासन पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार हरियाणा संशोधन विधेयक 2021 किसान एवं आम जनता विरोधी है। इसमें जिला उपायुक्तों को असीमित अधिकार दे दिए गए हैं कि वे किसान को बगैर नोटिस दिए रात को भी उसकी जमीन पर अधिग्रहण कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह कानून उसी तरह का है जो केंद्र सरकार 2015 में जबरदस्ती लाना चाहती थी लेकिन विरोध के चलते ला नहीं पाई। उन्होंने बताया कि अब उसने राज्यों के जरिये ऐसा कर दिया कि यह कृषि पर निर्भर रहने वाले लोगों के हितों पर भारी हमला है। इसलिए उन्होंने विधानसभा में इसका विपक्ष के साथ मिल कर विरोध किया है। किसान सभा के जिला संयुक्त सचिव कामरेड ओमप्रकाश ने कहा कि राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइप लाइन योजना के माध्यम से केंद्र मोदी सरकार ने देश की संपत्ति को बड़े कारपोरेट के हवाले करके जनता की जेबों पर हमला बोल दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार चार साल में छह लाख करोड़ रूपये कारपोरेट से इन सेवाओं के बदले में लेगी तो कारपोरेट लोगों की जेबों से कम से कम 24 लाख करोड़ रूपये वसूलेंगे। जनता की जेब पर इससे बड़ा डाका और क्या होगा। उन्होंने कहा कि कारपोरेट मालोमाल हो जाएंगें वहीं जनता की लूट के साथ उसका रोजगार छीन जाएगा। किसान आंदोलन इसका विरोध करेगा। 244 वें दिन भी जारी रहा धरना
कितलाना टोल पर धरने के 244वें दिन खाप सांगवान चालीस से नरसिंह सांगवान डीपीई, खाप फौगाट से बलवंत नंबरदार, श्योराण खाप से बिजेंद्र बेरला, किसान सभा से रणधीर कुंगड़, गंगाराम श्योराण, सुभाष यादव, ओमप्रकाश दलाल, मास्टर राजसिंह जताई व महिला नेत्री कृष्णा डोहकी, संतोष देशवाल, सुशीला घनघस ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। ये रहे मौजूद
इस अवसर पर सूरजभान कन्नी प्रधान, सुरेंद्र कुब्जानगर, रणधीर घिकाड़ा, कमल प्रधान, कप्तान रामफल डोहकी, बलबीर बजाड़, दिलबाग ढुल, आजाद फौजी, नत्थूराम फोगाट, जगदीश हुई, सत्येंद्र मानकावास, राजेन्द्र जांगड़ा, सूबेदार सतबीर सिंह, समुंद्र सिंह धायल, शमशेर सांगवान, सुलतान खान, मुन्ना पंडित चरखी, महीपाल आर्य, प्रेम शर्मा, कंवरशेर चंदेनी, राजपाल ढाणी फोगाट, मास्टर सुरेंद्र गोरीपुर, प्रो. जगविन्द्र सांगवान इत्यादि शामिल रहे।