कितलाना टोल पर धरना जारी, वक्ताओं ने सरकार पर आंदोलन को बदनाम करने के लगाए आरोप
जागरण संवाददाता चरखी दादरी संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर चल रहे किसान आंदोलन को बदन
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर चल रहे किसान आंदोलन को बदनाम करने के लिए भाजपा सरकारों ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ रखी है। अब जनता के सामने स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली बार्डरों पर रोड किसानों ने नहीं रोका, बल्कि किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए रोड दिल्ली पुलिस द्वारा रोके गए हैं। यह सब केंद्र सरकार के इशारे पर हुआ है, क्योंकि दिल्ली पुलिस केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आती है। अब माननीय सर्वोच्च अदालत में मामला गया, तो दिल्ली पुलिस ने कंकरीट की दीवारें व कीलें टिकरी बार्डर पर हटाना शुरू कर दिया है। यह बात सर्व जातीय श्योराण खाप पच्चीस के प्रधान बिजेंद्र बेरला ने शुक्रवार को कितलाना टोल पर धरने को संबोधित करते हुए कही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकारें जनता की वास्तविक समस्याओं मंहगाई, बेरोजगारी व किसान आंदोलन से ध्यान बंटाने के लिए हिदू, मुस्लिम का कार्ड खेलती रही हैं। धरने को संबोधित करते हुए दलित अधिकार मंच के संयोजक सुखदेव पालवास ने कहा कि इस बार सरकार ने बाजरा नहीं खरीदा तो गरीब जनता को सार्वजनिक वितरण प्रणाली से एक रूपये किलो नहीं मिलेगा, जैसे सरसों का तेल मिलना बंद हो गया है। आने वाले समय में गेहूं, दाल व चावल मिलना बंद हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मजदूर वर्ग सावधान हो जाए, इन कृषि विरोधी कानूनों की सबसे ज्यादा मार भूमिहीन गरीबों पर पड़ेगी। 308वें दिन भी धरना रहा जारी
कितलाना टोल पर चल रहे धरने के 308 वें दिन की अध्यक्षता सांगवान खाप चालीस के सचिव नरसिंह सांगवान डीपीई, सर्व जातीय श्योराण खाप पच्चीस के प्रधान बिजेंद्र बेरला, किसान सभा के रणधीर कुगड़, किसान नेता गंगाराम श्योराण, मास्टर राजसिंह जताई, युवा कल्याण संगठन के अनिल शेषमा, मजदूर नेता सुखदेव पालवास व महिला नेत्री नींबो डोहकी ने संयुक्त रूप से की। मंच संचालन किसान सभा के कामरेड ओमप्रकाश ने किया। ये रहे मौजूद
इस अवसर पर सूरजभान कन्नी प्रधान, सुरेन्द्र कुब्जा नगर, देशराम भाण्डवा, नंदलाल अटेला, सूबेदार सतबीर सिंह, राजबीर बोहरा, नरेंद्र धनाना, महाबीर धनाना, राजेन्द्र चरखी, शमशेर पैंतावास कलां, ईश्वर सिंह मान पूर्व बीडीपीओ, नंदलाल जेवली पूर्व निरीक्षक, धर्मेंद्र छपार, बेलीराम, प्रो. जगविद्र सांगवान, ओम प्रजापति डोहकी, रमेश शर्मा इत्यादि मौजूद रहे।