कितलाना टोल पर धरना जारी, किसान संगठन बोले-मांगें पूरी होने तक संघर्ष रहेगा जारी, नहीं हटेंगे पीछे

जागरण संवाददाता चरखी दादरी कृषि कानूनों के विरोध में करीब दस माह से किसान आंदोलनरत

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 05:53 AM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 05:53 AM (IST)
कितलाना टोल पर धरना जारी, किसान संगठन बोले-मांगें पूरी होने तक संघर्ष रहेगा जारी, नहीं हटेंगे पीछे
कितलाना टोल पर धरना जारी, किसान संगठन बोले-मांगें पूरी होने तक संघर्ष रहेगा जारी, नहीं हटेंगे पीछे

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : कृषि कानूनों के विरोध में करीब दस माह से किसान आंदोलनरत है। इस दौरान जनवरी माह से सरकार व किसान नेताओं की वार्ता बंद होने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर अब 27 सितंबर को भारत बंद होगा। मांगें पूरी होने तक सरकार के किसी भी षडयंत्र, गोली, लाठी या फोर्स से किसान नहीं डरेंगे तथा ना ही संघर्ष से पीछे हटेंगे। यह बात सोमवार को कितलाना टोल पर धरने को संबोधित करते हुए किसान नेता बलवंत नंबरदार ने कही। धरने की अध्यक्षता खाप सांगवान के सचिव नरसिंह सांगवान डीपीइ, श्योराण खाप से बिजेंद्र बेरला, फौगाट खाप से बलवंत नंबरदार, किसान सभा से रणधीर कुंगड़, युवा कल्याण संगठन से कमल सिंह प्रधान, खाप चौगामा से मीर सिंह निमड़ीवाली, कमल सिंह झोझू, फूला देवी कितलाना, नींबो देवी, कृष्णा देवी गौरीपुर, प्रेम देवी कितलाना ने संयुक्त रूप से की। मंच संचालन युवा कल्याण संगठन सदस्य सुभाष यादव ने किया। किसानों को संबोधित करते हुए किसान नेता बलवंत नंबरदार ने कहा कि उनका आंदोलन व भारत बंद शांतिपूर्वक होगा। उनका मकसद अशांति या अव्यवस्था फैलाना नहीं है। लेकिन सरकार ने आंदोलन को दबाने का प्रयास किया तो वो सरकार की हर गोली व लाठी का जवाब देने को भी तैयार हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने कुछ भी गलत किया तो उसे खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

बलवंत ने कहा कि मांग पूरी होने तक किसान डरने या पीछे हटने वाले नहीं हैं। कृषि कानूनों के विरोध में किसान पिछले दस माह से धरने पर बैठे हैं। लेकिन सरकार उनकी मांगों को सुनने के बजाय उन पर लाठियां बरसाकर अन्याय कर रही है। नंबरदार ने कहा कि आज सरकार की हठधर्मिता के चलते देश का किसान काफी परेशान है। सरकार पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों के हितों से खिलवाड़ कर रही है। ये रहे मौजूद

इस अवसर पर सतबीर सिंह, सत्ते काला, डा. राजीव गौरीपुर, पूर्व सरपंच समुंद्र सिंह, रणधीर घिकाड़ा, सूरजभान सांगवान कन्नी प्रधान, प्रेम थानेदार, शमशेर, रणधीर कुंगड़, धर्मचंद छपार, रामानंद, भुजनराम जांगड़ा, संतु प्रजापत भी मौजूद रहे।

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