दो जनवरी को कितलाना टोल पर होगी सर्वजातीय सर्व खाप की महापंचायत

जागरण संवाददाता चरखी दादरी इंसान कितने बड़े औहदे पर पहुंच जाए लेकिन अपनी जन्म भूमि के क

By JagranEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 05:18 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 05:18 PM (IST)
दो जनवरी को कितलाना टोल पर होगी सर्वजातीय सर्व खाप की महापंचायत
दो जनवरी को कितलाना टोल पर होगी सर्वजातीय सर्व खाप की महापंचायत

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : इंसान कितने बड़े औहदे पर पहुंच जाए लेकिन अपनी जन्म भूमि के कर्जे को नहीं चुका सकता। यह बात हरियाणा सरकार द्वारा वटवृक्ष की उपाधि से अलंकृत 93 वर्षीय डा. रणधीर सांगवान ने शनिवार को कितलाना टोल पर किसानों से अपने अनुभव सांझा करते हुए कही। उन्होंने बताया कि बचपन से ही उन्हें विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। लेकिन वे लक्ष्य को लेकर दृढ़ रहे और उनका अपने इलाके से लगाव आज भी ज्यों का त्यों है। आज भी वे बेशक उम्र के इस पड़ाव में सिरसा में प्रेक्टिस कर रहे हों लेकिन यहां की याद उन्हें कितलाना टोल पर खींच लाई। उन्होंने कहा कि किसान, मजदूरों के जज्बे से किसान आंदोलन सफलता के नजदीक है। इससे पहले खाप सांगवान के सचिव नरसिंह डीपीई ने उन्हें पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया। कितलाना टोल की ओर से खाप श्योराण प्रधान बिजेंद्र बेरला, जाटू खाप के मा. राजसिंह जताई ने शाल ओढ़ाकर व रानीला गांव के ग्रामीणों ने स्मृति चिह्न भेंट कर डा. रणधीर सांगवान का स्वागत किया। दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने कहा कि सरकार निरंतर सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने का प्रयास कर रही है। आगामी दो जनवरी को कितलाना टोल पर ऐतिहासिक सर्वजातीय सर्व खाप की महापंचायत होगी। 343वें दिन भी जारी रहा धरना

संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर कितलाना टोल पर चल रहे धरने के 343वें दिन पंवार खाप से दयानंद रानीला, किसान सभा से रणधीर कुंगड़, चौ. छोटूराम डा. आंबेडकर मंच से बलबीर सिंह बजाड़, युवा कल्याण संगठन से सुभाष यादव, रिटायर्ड कर्मचारी संघ से हरबीर सिंह कितलाना, चौगामा खाप से मीर सिंह नीमड़ीवाली, महिला किसान मोर्चा से कमला देवी बिलावल, ओमली, प्रेम शर्मा कितलाना ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। मंच संचालन रणधीर घिकाड़ा ने किया। ये रहे मौजूद

इस अवसर पर मा. ताराचंद चरखी, राजसिंह बिरही, सूरजभान झोझू, सुरेंद्र कुब्जानगर, राजू मान, गंगाराम श्योराण, जागेराम डीपीई, चंद्रसिंह पैंतावास, पृथ्वी सिंह नंबरदार, जगदीश हुई, देशराम भांडवा, आजाद, नंदलाल अटेला, राजबीर बोहरा, सत्यवान कालुवाला, जगदीश झोझू, सूबेदार सत्यवीर, सबीर हुसैन, इकबाल तेली, शमशेर सांगवान, रामानंद कालुवाला, ओम चरखी, विरेंद्र, बलजीत, सतेंद्र मानकावास, परमजीत फतेहगढ़ इत्यादि भी मौजूद रहे।

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