जनस्वास्थ्य विभाग के क्लर्क द्वारा करोड़ों की राशि गबन करने के मामले के पुलिस ने शुरू की जांच
जागरण संवाददाता चरखी दादरी दादरी जनस्वास्थ्य विभाग कार्यालय की स्थापना शाखा में तैनात क्लर्क द्वार
जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : दादरी जनस्वास्थ्य विभाग कार्यालय की स्थापना शाखा में तैनात क्लर्क द्वारा गबन करने के मामले में पुलिस ने आरोपित क्लर्क के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इसके साथ ही पुलिस ने जांच भी शुरू कर दी है। गौरतलब है कि जनस्वास्थ्य विभाग के दादरी कार्यालय में तैनात एक क्लर्क द्वारा कई सेवानिवृत व कार्यरत कर्मचारियों के पीएफ, छुट्टी के बदले नकद भुगतान, मेडिक्लेम इत्यादि के लाखों रुपये संबंधित कर्मचारी के बजाय दूसरे बैंक खातों में ट्रांसफर करवाने का मामला सामने आया था। वहीं 10 सितंबर के बाद से ही उक्त क्लर्क ड्यूटी से गैर हाजिर चल रहा है। यह मामला उस समय प्रकाश में आया जब कुछ सेवानिवृत कर्मचारियों ने लंबित भुगतान को लेकर जनस्वास्थ्य विभाग कार्यालय में अधिकारियों से संपर्क किया था। जिसके बाद विभाग के कार्यकारी अभियंता दलबीर सिंह ने 17 सितंबर को चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया। सोमवार को कमेटी द्वारा रिपोर्ट सौंपी गई। जिसमें सामने आया कि सरकारी खजाने की करोड़ों रुपये की राशि पंजाब नेशनल बैंक के दो खातों में भेजी गई है। यह भी बताया गया कि यह सारा भुगतान खजाना कार्यालय के माध्यम से जनस्वास्थ्य विभाग कार्यालय में तैनात क्लर्क सुनील की ओर से 10 सितंबर से पहले किया गया है। मांगा गया है रिकार्ड : थाना प्रभारी
दादरी सिटी थाना प्रभारी वजीर रेढू ने बताया कि जनस्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता की शिकायत पर एक क्लर्क के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। विभाग की ओर से अपने स्तर पर भी जांच की गई है। उन्होंने कहा कि मामले की गहनता से जांच के लिए जनस्वास्थ्य विभाग से पूरा रिकार्ड व अधिकारियों की सूची मांगी गई है। जिससे पता चल सके कि कितना गबन हुआ है और इस मामले में और कौन-कौन लोग शामिल हैं। अन्य अधिकारी भी हो सकते हैं शामिल
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि मंगलवार को जनस्वास्थ्य विभाग कार्यालय में पहुंचे सेवानिवृत व वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों का कहना था कि क्लर्क की ओर से करोड़ों रुपये का गबन किया गया है। कर्मचारियों का कहना था कि एक-एक बिल को कई बार पास करवा कर भुगतान लिया गया है। बिल पर विभाग के उच्च अधिकारियों के भी हस्ताक्षर होते हैं। ऐसे में इस पूरे मामले में उक्त क्लर्क के अलावा बड़े अधिकारी भी शामिल हो सकते हैं। कर्मचारियों का कहना है कि मामले की जांच विजिलेंस या किसी अन्य एजेंसी से करवानी चाहिए। वहीं जनस्वास्थ्य विभाग दादरी के कार्यकारी अभियंता दलबीर सिंह का कहना है कि जो कर्मचारी सैलरी या बिल बनाता है, वही नाम, यूनिक कोड, खाता नंबर इत्यादि की पूरी जानकारी भरता है। संबंधित डीडीओ इनकी इतनी गहनता से जांच नहीं करता।