पानी का बिल हर दो माह में भिजवाने की मेहरबानी कर दो डीसी साहब

जागरण संवाददाता भिवानी सेक्टर 13 और 23 के निवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को उपाय

By JagranEdited By: Publish:Thu, 11 Feb 2021 08:06 AM (IST) Updated:Thu, 11 Feb 2021 08:06 AM (IST)
पानी का बिल हर दो माह में भिजवाने की मेहरबानी कर दो डीसी साहब
पानी का बिल हर दो माह में भिजवाने की मेहरबानी कर दो डीसी साहब

जागरण संवाददाता, भिवानी : सेक्टर 13 और 23 के निवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को उपायुक्त जयबीर सिंह आर्य से उनके कार्यालय में मिला। प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर सेक्टरों में प्रति माह या हर दो महीने में ही शेड्यूल के अनुरूप पानी का बिल भिजवाने की मांग की। इसके साथ-साथ प्रतिनिधिमंडल ने पानी के बिलों में भारी खामियां होने के चलते मीटर रीडर और संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तक कर उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की मांग की। इसके साथ-साथ प्रतिनिधिमंडल ने उपायुक्त से छह से आठ महीने पर लगने वाले अधिकत्तम स्लैब के बजाय दो महीने के कम स्लैब के अनुरूप कम रेट के बिल जारी करवाने की मांग की। उन्होंने बताया कि नौ-नौ हजार रुपये तक के पानी के बिल आए हैं। सेक्टर 13 से रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान पं. रामकिशन शर्मा और सेक्टर 23 से द रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के मुख्य संरक्षक महेंद्र सिंह श्योराण ने उपायुक्त आर्य को बताया कि हुडा कार्यालय द्वारा सेक्टरों में प्रति माह या दो महीने के बजाय छह से आठ महीने के पानी के बिल थमाए हैं, जो गलत है। उन्होंने उपायुक्त को बताया कि यदि एक या दो महीने के हिसाब से बिल बनते हैं तो स्लैब के हिसाब से कम रेट लगता है। छह से आठ महीने के बिल पर यूनिट अधिक होने पर स्लैब में अधिक रेट से बिल बनता है। इसका खामियाजा सेक्टरवासियों को भुगतना पड़ता है। फिलहाल जारी किए गए छह से आठ महीने के बिल भी अधिकत्तम रेट के अनुरूप बनाए गए हैं, जो कि लोगों के साथ अन्याय है। इससे लोगों पर एकसाथ अधिक आर्थिक बोझ पड़ा है। इससे लोगों को मानसिक परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं, बिलों में अक्सर भारी खामियां होती हैं और इनको दुरूस्त करवाने के लिए लोगों को अनावश्यक रूप से हुडा कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं। उन्होंने उपायुक्त को बताया कि अधिकांश लोग सरकारी कर्मचारी हैं, ऐसे में उनको अवकाश लेकर ही हरियाणा शहरी प्राधिकरण कार्यालय जाना पड़ता है। अधिकारी कार्यालय में मौजूद नहीं होने से लोगों को कई बार भी चक्कर लगाने पड़ते हैं। उन्होंने उपायुक्त से मांग करते हुए कहा कि गलत बिलों पर मीटर रीडर और संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाए और संबंधित अधिकारी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाए।

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