व्यापार ठप होने से लोग हो रहे बेरोजगार
संवाद सहयोगी लोहारू स्कूल कालेज कोचिग सेंटर बंद हैं। नाइट कर्फ्यू लागू किया गया है। क
संवाद सहयोगी, लोहारू : स्कूल, कालेज, कोचिग सेंटर बंद हैं। नाइट कर्फ्यू लागू किया गया है। कोरोना संक्रमण के डर में बाजारों से भीड़ गायब है। ऐसी हालत में दुकानदार खुद के बच्चों की रोटी की चिता करें या नौकरी करने वालों की। इसलिए सबसे निचले पायदान पर नौकरी करने वाले अधिकतर लोग बेरोजगार हो गए हैं। घरों में पोचा-झाड़ू लगाने वाली औरतों को हटा दिया गया है। इस हालत में हैंड टू माउथ गुजारा करने वाले इन गरीब बेरोजगार लोगों को एक बार फिर रोजी-रोटी का डर सताने लगा है।
आजादी के वक्त हिदुस्तान को अपना वतन मानकर पाकिस्तान छोड़कर यहां आए एक परिवार का हाल बुरा है। बेटियों की शादी कर दी गई है। अब परिवार में बीमार व्यक्ति, उसकी पत्नी व एक बेटा बचा है। पति बीमार होने के कारण घर चलाने की सारी जिम्मेदारी पत्नी के ही कंधे पर। महिला ने बताया कि कोरोना समय में संक्रमण और ऊपर से लोगों के बिगड़े आर्थिक हालातों में अब तो घर वालों ने भी काम से मना कर दिया है। पिछले लॉकडाउन में भी कई महीने तक बेरोजगारी की हालत में काटे गए दिनों को याद करके ही यह महिला कांप उठती है। वह अपने परिवार को भोजन निश्शुल्क शिविरों से लाकर खिलाती थी। नम आंखों से बताया कि पिछले तीन सालों से वह अपने पति व बच्चे का इलाज प्राइवेट अस्पतालों से रहमो-करम पर करा रही है। सरकार ने आयुष्मान कार्ड तो दे दिया, लेकिन अस्पताल वाले कहते हैं कि तकनीकी खराबी के कारण यह कार्ड काम नहीं करता। अब नौवीं में पढ़ रहा उसका बच्चा ही उसका सपना है। ऐसी ही कहानी एक गरीब 16 वर्षीय बच्चे की है। यह बच्चा कस्बे में सब्जी की रेहड़ी लगाकर अपने परिवार का पेट पाल रहा है। पिता लंबे समय से बीमार हैं। मां घर पर ही उनकी सेवा करती है।