तीन त्रिवेणी और आयुर्वेदिक पौधे वातावरण में बिखेर रहे ऑक्सीजन

सब्जी मंडी आढ़ती एसोसिएशन के सचिव धीरज सैनी और उनकी पत्नी सुनीता सैनी को हरियाली का इतना ज्यादा शौक है कि उन्होंने अपने घर को भी हरे रंग से सजाया है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 26 May 2021 05:24 AM (IST) Updated:Wed, 26 May 2021 05:24 AM (IST)
तीन त्रिवेणी और आयुर्वेदिक पौधे वातावरण में बिखेर रहे ऑक्सीजन
तीन त्रिवेणी और आयुर्वेदिक पौधे वातावरण में बिखेर रहे ऑक्सीजन

सुरेश मेहरा, भिवानी: सब्जी मंडी आढ़ती एसोसिएशन के सचिव धीरज सैनी और उनकी पत्नी सुनीता सैनी को हरियाली का इतना ज्यादा शौक है कि उन्होंने अपने घर को भी हरे रंग से सजाया है। ऑक्सीजन से सराबोर और फूलों की महक लोगों के दिलों को महका रहे हैं। कोरोना महामारी के दौर में घर की हरियाली भरपूर ऑक्सीजन दे रही है। सब्जीमंडी कैरेट को भी इन्होंने गमले के रूप में इस्तेमाल किया है। इनसे प्रेरित होकर अब तक दर्जन भर लोग अपने घरों को हराभरा बना चुके हैं। हरियाली जैसे उनके जीवन में रची बसी है। घर में लगाए हैं आययुर्वेदिक और ऑक्सीजन से भरपूर पौधे

रोहतक गेट विकास नगर सब्जी मंडी स्थित अपने घर में धीरज कुमार सैनी और पत्नी सुनीता सैनी ने पर्यावरण को जैसे सहेज कर रखा है। इन्होंने अपने घर में तुलसी, एलोवेरा, मोतिया, रात की रानी के अलावा फूलदार पौधे भी लगाए हैं। घर के सामने आंगन में चंपा, फाइकस, बेलपत्र, टिकोमा, गुड़हल, चांदनी, हार सिगार, मधुमालती बेल, अर्जुन का पेड़, सहजन पेड़, बेलपत्र, चंपा, चार टिकोमा, तीन चांदनी आदि के पौधे पर लगा रखे हैं। हरियाणवी कलाकार बेटा हेमंत सैनी भी माता पिता के साथ मेहनत करते हैं और घर को हरा भरा बनाने में सहयोग करते हैं। इस दंपती ने घर के बाहर और आस पास लगाई हैं तीन त्रिवेणी

धीरज सैनी और सुनीता सैनी घर के भीतर और बाहर हरियाली बना रखी है। इससे भी बढ़ कर इन्होंने घर के पास तीन त्रिवेणी भी लगाई है। वह कहते हैं जहां त्रिवेणी होती हैं वहां और आस पास रोग नहीं फटकते। सब्जी मंडी के आस पास गंदगी ज्यादा होती रहती है। यहां पेड़ पौधे नहीं है। मंडी के समीप ही हमारा घर है। करीब आठ साल पहले उन्होंने इस क्षेत्र में हरियाली बढ़ाने का संकल्प लिया था। इसके बाद से लगातार इस काम में लगे हैं। अपने घर में ही नहीं आस पास और जहां पर अवसर मिलता है पौधे लगाते हैं। धीरज सैनी कहते हैं कि पानी और पर्यावरण को बचाना बहुत ज्यादा जरूरी है। हमें समय रहते संभलना होगा।

हरियाणवी कलाकार हेमंत कहते हैं कि पापा को कुछ समय पहले शुगर की शिकायत हो गई थी। उसके बाद इन्होंने मंडी का काम कम कर दिया और हरियाली बढ़ाने पर ज्यादा ध्यान देने लगे। मम्मी पापा के साथ मैं खुद भी काम करता हूं। घर में नहीं हमने दूसरी जगहों पर भी सैकड़ों पौधे लगाए हैं। हमारी एक संस्था है एक विचार एक मंच उसके साथ मिल कर भी पर्यावरण संरक्षण पर हम काम करते हैं।

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