बीमा कंपनी को क्लेम राशि ब्याज सहित देने के आदेश
जागरण संवाददाता, भिवानी : जेसीबी चोरी होने के मामले में इंश्योरेंश का क्लेम देने में आनाकानी
जागरण संवाददाता, भिवानी : जेसीबी चोरी होने के मामले में इंश्योरेंश का क्लेम देने में आनाकानी करने वाली मैगमा इंश्योरेंश कंपनी को जिला उपभोक्ता अदालत के न्यायाधीश मनजीत ¨सह नरयाल ने कड़ी फटकार लगाई है। सोमवार को इस मामले में फैसला सुनाते हुए फोरम ने इंश्योरेंश का पीड़ित पक्ष को चोरी हुई जेसीबी की कीमत 12 लाख रुपये 12 फीसद ब्याज के साथ देने व 2 लाख 10 हजार रुपये मानसिक प्रताड़ना व हर्जाने के तौर पर देने के आदेश दिए है। यह राशि 30 दिन के अंदर उपभोक्ता को अदा करनी होगी।
गांव किकराल निवासी रघुवीर ¨सह ने अपनी जेसीबी गाड़ी की मैगमा इंश्योरेंश कंपनी से बीमा करवाया हुआ था। वह हर साल 14 हजार 365 रुपये बीमा किश्त अदा कर रहा था। 16 अगस्त 2015 की रात को उसके घर के बाहर से जेसीबी चोरी हो गई। उसने घटना की शिकायत सिवानी पुलिस थाने में दर्ज करवाई। काफी खोजबीन के बाद भी जेसीबी कहीं नहीं मिली। रघुवीर ¨सह ने परेशान होकर मैगमा इंश्योरेंश कंपनी को एफआइआर व पुलिस की अनट्रेस रिपोर्ट सौंपते हुए क्लेम दिए जाने की मांग की, लेकिन कंपनी ने क्लेम देने की बजाय रघुवीर को ही लापरवाह करार देते हुए अपनी जेसीबी की रखवाली ना करने का आरोप लगा दिया। काफी भागदौड़ करने के बाद भी कंपनी ने यह राशि नही दी तो पीड़ित पक्ष ने जिला उपभोक्ता अदालत का दरवाजा खटखटाया। 4 अक्टूबर 2015 को उपभोक्ता अदालत में केस दायर कर क्लेम दिलाने की गुहार लगाई। इस मामले में तीन साल तक सुनवाई करने के बाद सोमवार को जिला उपभोक्ता अदालत के न्यायाधीश मनजीत ¨सह नरयाल ने मेगामा इंश्योरेंश कंपनी को दोषी पाया। अदालत ने इस मामले में विशेष आदेश जारी करते हुए कहा कि उपभोक्ता को एचडीएफसी बैंक से जेसीबी खरीदने के लिए गए ऋण की राशि चुकता कर एनओसी इंश्योरेंश कंपनी को देनी होगी। उसके बाद ही उसे क्लेम राशि दी जाएगी।