खेत खलिहान : टिड्डी दल के बाद अब सफेद मक्खी का हमला, किसानों की चिता बढ़ी

मदन श्योराण, ढिगावा मंडी किसान की फसल पर हमले दर हमले हो रहे हैं। किसान टिड्डी दल के हमले से अभी

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Aug 2020 05:21 AM (IST) Updated:Tue, 18 Aug 2020 05:21 AM (IST)
खेत खलिहान : टिड्डी दल के बाद अब सफेद मक्खी का हमला, किसानों की चिता बढ़ी
खेत खलिहान : टिड्डी दल के बाद अब सफेद मक्खी का हमला, किसानों की चिता बढ़ी

मदन श्योराण, ढिगावा मंडी

किसान की फसल पर हमले दर हमले हो रहे हैं। किसान टिड्डी दल के हमले से अभी उबरा भी नहीं है कि दूसरे कीट फसलों के लिए नुकसानदायक साबित होने लगे हैं। ऐसे में किसान की चिता गहराती जा रही है। कृषि विभाग किसानों को नुकसान से बचाने के लिए प्रयासरत तो है पर अभी तक वह नहीं कर पा रहा है जो किसान के लिए जरूरी है। किसान कृषि अधिकारियों के चक्कर लगाने को मजबूर हो रहे हैं। कृषि अधिकारियों की तरफ से भी औपचारिकता निभा दी जाती है। सही मायने में धरातल पर जो काम होना चाहिए, वह नहीं हो पा रहा है। इसलिए भी किसान भविष्य को लेकर चितित हैं। ये कीट किसान के सफेद सोने को चट करने में लगे

वर्तमान में किसान का सफेद सोना कही जाने वाली कपास की फसल को हरे तेले, सफेद मक्खी जैसे कीट नुकसान पहुंचा रहे हैं। इसमें किसान तरह-तरह की कीटनाशक दवा का छिड़काव कर रहे हैं। इसके बावजूद फसल को लगातार नुकसान हो रहा है। किसानों को समझ नहीं आ रहा क्या किया जाए। वे विशेषज्ञों की राय ले रहे हैं। इसके बाद दवा का छिड़काव कर रहे हैं लेकिन इसका भी सही परिणाम नहीं आ रहा है। जैविक खेती की तरफ बढ़ना चाह रहे किसान समझ नहीं पा रहे कि रासायनिक खाद आदि का प्रयोग फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों के लिए जरूरी है। ऐसे में कैसे जैविक खेती को अपनाया जाए। कृषि अधिकारी भी किसानों को जैविक खेती अपनाने पर जोर दे रहे हैं। क्या है सफेद मक्खी

सफेद मक्खी रूपी कीट सफेद मच्छर के नाम से जाना जाता है। इसके शिशु अंडाकार होते हैं। ये पत्तियों का रस चूसते हैं और चिपचिपा लारवा छोड़ते हैं। इससे पत्ते पर फफूंद भी लग जाती है। नतीजतन कपास की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है। नुकसान पहुंचाने वाले कीटों से कैसे करें बचाव

कृषि अधिकारियों के अनुसार फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीटों से बचाव के लिए किसानों को 300 मिलीलीटर डाईमेथोएट, 30 ईसी व एक लीटर निम्बीसिडिन का 250 लीटर पानी में बारी-बारी छिड़काव करें। लगातार एक ही तरह के कीटनाशक का प्रयोग न करें। रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग करते समय रखें सावधानियां

कृषि अधिकारी चंद्रभान श्योराण ने कहा कि रासायनिक कीट नाशकों की अपेक्षा जैव कीट नाशकों को प्राथमिकता देनी चाहिए परन्तु जो किसान रासायनिक कीटनाशकों का प्रयोग करते हैं, वे उसके छिड़काव के समय अधिक से अधिक सावधानियां बरतें। रासायनिक कीटनाशक न केवल फसल को क्षति पहुंचाते हैं बल्कि इंसानों एवं मित्र कीटों को भी हानि पहुंचाते हैं।

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