सड़कों के गड्ढों को भरवाने सीएम के समक्ष पहुंचे विधायक
भिवानी शहर की सड़कों पर वाहन हिचकौले नहीं खाएंगे।
जागरण संवाददाता, भिवानी
शहर की सड़कों पर वाहन हिचकौले नहीं खाएंगे। शीघ्र ही सड़कों में बने गड्ढों को भरने व जर्जर सड़कों को फिर से बनाने का कार्य शुरू होगा। इन सभी विकास कार्यों को शुरू करवाने को लेकर विधायक घनश्याम सर्राफ ने सीएम मनोहर लाल से मुलाकात की और शहर की सड़कों व कई प्रस्तावित योजनाओं पर कार्य शुरू करवाए जाने की मांग की।
सीएम ने विधायक सर्राफ को शीघ्र भिवानी की सड़कों को सही व प्रस्तावित योजनाओं पर कार्य शुरू करवाए जाने का आश्वासन दिया। सीएम मनोहर लाल से मुलाकात के बाद विधायक सर्राफ ने सीएम के डिप्टी पीए आशिमा बराड़ को भिवानी प्रस्तावित योजनाओं को लेकर मांग पत्र सौंपा। सीएम से मुलाकात के दौरान विधायक सर्राफ ने बताया कि नए बस स्टैंड से लेकर रेलवे पुल (सर्कुलर मार्ग) की हालत बेहद खराब बनी है। जगह-जगहों पर गड्ढें बने है। जिनके चलते वहां से वाहन चालकों को गुजरने में परेशानी होती है। इनके अलावा महताब की ढाणी से लेकर देवसर चुंगी, वैश्य कालेज से लेकर रेलवे ओवरब्रिज से तोशाम बाईपास नहर तक रोड की स्थिति खराब बनी है। इसी तरह बासिया भवन से सचिवालय, सेक्टर-13 व 23 की सड़कों की जर्जर सड़कों को दुरुस्त करवाए जाने की गुजारिश की। सीएम मनोहर लाल ने शीघ्र काम शुरू करवाए जाने पर सहमति जताई। कम पानी में अच्छी फसल कैसे हो, भाजपा कार्यकर्ता चलाएंगे जागरूकता अभियान
बहल: भाजपा कार्यकर्ता कम पानी में पैदा होने वाली फसलों की बुआई के लिए किसानों को प्रेरित व जागरूक अभियान चलाएंगे। भाजपा किसान मोर्चा के कार्यकर्ता अपने मंडलों में यह अभियान चलाकर किसानों को प्रेरित करेंगे। बहल भाजपा किसान मोर्चा के सचिव रितेश लाखलान ने बताया कि बहल खंड अभियान चलाकर किसानों को कम पानी में पैदा होने वाली फसलों की खेती करने के लिए अपील करेंगे। मंडल अध्यक्ष विकास गोकलपुरा ने बताया कि कृषि एवं पशुपालन मंत्री जेपी दलाल दूर²ष्टि सोच ,किसानों के प्रति लगाव, उनकी आजीविका की चिता व गहराते जल समस्या के संकट के पूर्वानुमान को देखते हुए किसानों को प्रेरित करने का जिम्मा दिया है। सरकार मेरा पानी मेरी विरासत अभियान भी चला रही है। जिसके तहत कम पानी जैसे मूंग, अरंड इत्यादि फसलों को अपनाने वाले किसानों को 4 हजार से 7 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि भी दे रहीं है। ये राशि क्षेत्र के हिसाब से अलग अलग है। इसके अलावा वाटर टैंक व सूक्ष्म सिचाई प्रणाली पर भी सरकार विशेष ध्यान व सहयोग दे रहीं है।