तीन दिनों से नहर में बदला दादरी शहर का मुख्य व्यवसायिक केंद्र मैन बाजार, कारोबार हुआ ठप

दादरी नगर के सबसे मुख्य व्यवसायिक केंद्र माने जाने वाले मैन बाजार में पिछले तीन दिनों से जलभराव के चलते हालात बेहद विकट बने हुए हैं।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 07:40 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 07:40 AM (IST)
तीन दिनों से नहर में बदला दादरी शहर का मुख्य व्यवसायिक केंद्र मैन बाजार, कारोबार हुआ ठप
तीन दिनों से नहर में बदला दादरी शहर का मुख्य व्यवसायिक केंद्र मैन बाजार, कारोबार हुआ ठप

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : दादरी नगर के सबसे मुख्य व्यवसायिक केंद्र माने जाने वाले मैन बाजार में पिछले तीन दिनों से जलभराव के चलते हालात बेहद विकट बने हुए हैं। इस शहर का हर्ट सिटी भी कहा जाता है। हालातों की गंभीरता का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि जलभराव के चलते पिछले तीन दिनों से मैन बाजार की सभी दुकानें बंद हैं। इससे न केवल सैंकड़ों दुकानदार प्रभावित हो रहे हैं बल्कि आम लोगों को भी खासी दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को सुबह हुई तेज वर्षा के चलते नगर के बीचों-बीच स्थित डूंगरवाला जोहड़ ओवरफ्लो हो गया था। इसके बाद जोहड़ का पानी साथ लगते बाजारों जिनमें विशेषकर मैन बाजार, पुराना बस स्टैंड, रेलवे रोड, रेस्ट हाउस रोड, डा. आंबेडकर चौक इत्यादि पर भर गया था। इन सभी स्थानों पर बड़े-बड़े शौरूम, रिटेल व होलसेल की दुकानें तथा अन्य सैंकड़ों प्रतिष्ठान हैं। पिछले तीन दिनों के दौरान अन्य स्थानों पर पानी की कुछ निकासी भी हुई है लेकिन मैन बाजार की शक्ल गंदे पानी की नहर में बनी दिखाई दे रही है। स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि मानसून की वर्षा के शुरूआती दौर में यह हालत है तो आने वाले दिनों में बनने वाले गंभीर हालातों का अनुमान सहज ही लगाया जा सकता है। सीवरेज सिस्टम हुआ नकारा

नगर के मैन बाजार में पिछले तीन दिनों से जलभराव से बने हालातों की मुख्य वजह यहां का सीवरेज सिस्टम नकारा होना बताया जा रहा है। सीवरेज की पाइपलाइनें चोक होने से पानी की निकासी की कोई पुख्ता व्यवस्था नहीं है। इससे पहले यहां अधिक जलभराव हो जाता था तो पाइपों के द्वारा पानी को डूंगरवाला जोहड़ में डाला जाता था। अब यह जोहड़ भी ओवरफ्लो हो चुका है। हालांकि प्रशासन ने जोहड़ को खाली करवाने के लिए रोहतक रोड की तरफ मोटरें लगाई हैं व पाइपलाइनें बिछाई हैं। लेकिन जिस गति से पानी की निकासी हो रही है उससे वर्षा न होने की स्थिति में भी तत्काल राहत मिलने के आसार नहीं हैं।

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