स्कीमों का फायदा लेने लिए पोर्टल पर पंजीकरण करवाना जरूरी : एसडीएम
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा मंगलवार को प्रमोशन आफ काटन कल्ट
संवाद सहयोगी, लोहारू : कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा मंगलवार को प्रमोशन आफ काटन कल्टीवेशन इन हरियाण स्कीम के तहत उपमंडल कृषि कार्यालय में एक दिवसीय किसान मेले का आयोजन किया गया। किसान मेले में कृषि वैज्ञानिकों ने कपास, ग्वार, मूंग व अन्य फसलों में आने वाली बीमारियों व उसके उपचार, मेरा पानी-मेरी विरासत, मेरी फसल-मेरा ब्यौरा योजना व फसल अवशेष प्रबंधन के बारे में जानकारी दी।
एसडीएम जगदीश चंद्र ने कहा कि वे फसल विविधिकरण को अपनाकर सरकार की विभिन्न स्कीमों का लाभ उठाएं। इसके लिए जरूरी है कि किसान अपनी फसल का पोर्टल पर पंजीकरण करें। पंजीकरण के बाद किसान प्राकृतिक आपदा की स्थिति में भी लाभ से वंचित नहीं रहेगा। उन्होंने किसानों से निरंतर कृषि विभाग के संपर्क में रहने को कहा। उन्होंने चालू मौसम में अधिक से अधिक पेड़ लगाने तथा जल संरक्षण के लिए अनुरोध किया। इस अवसर पर राजीव श्योराण, राजबीर दलाल,संदीप यादव, रणजीत सिंह आदि लोग मौजूद रहे। मेले में फसल विविधिकरण योजना की दी जानकारी
कृषि विभाग के उप निदेशक डा. आत्मा राम गोदारा ने मेरी फसल- मेरा ब्योरा, मेरा पानी-मेरी विरासत व बाजरा विविधिकरण के बारे में विस्तार से जानकारी दी। पोर्टल से संबंधित किसानों की समस्याओं का मौके पर ही समाधान किया। कृषि विज्ञान केंद्र, भिवानी से डा. योगिता बाली व डा. मीनू ने किसानों को कपास फसल में आने वाले कीट व बीमारियों के रोकथाम के बारे में जानकारी दी। कृषि इंजीनियर डा. सीब सिंह धनखड़ ने किसानों को कृषि उपकरणों का सही प्रयोग व उनका रख रखाव के बारे में बताया। डा. संजय मेचू , एसडीएओ डा. ईश्वर सिंह, डा. जयकुमार भोरिया, डा. संजय खत्री, डा. मनोज डाबला, डा. संजीव कुमार, डा. सुरेंद्र दलाल, डा. दीपक खटक व डा. विनोद सांगवान ने बताया कि बाजरा विविधिकरण योजना के तहत बाजरा को छोड़कर मूंग, अरहर, मूंगलफली व अरंड की खेती करने पर किसान को चार हजार रुपये प्रति एकड़ दिया जाता है। इसके पंजीकरण की अंतिम तारीख 31 जुलाई है।