खुलासा : निजी स्कूलों में बच्चे और अस्पताल में मरीज नहीं सुरक्षित, कभी भी हो सकता है हादसा
भिवानी अगर आप या आपके परिजन निजी स्कूल रेस्तरां ऑडिटोरियम महाविद्यालय
सुरेश मेहरा, भिवानी : अगर आप या आपके परिजन निजी स्कूल, रेस्तरां, ऑडिटोरियम, महाविद्यालय के अलावा बहुमंजिला भवनों में है तो सुरक्षित नहीं हैं। ये हम नहीं कह रहे हैं। बल्कि आरटीआइ में हुए खुलासा के अनुसार इनमें से ज्यादातर के पास दमकल विभाग की एनओसी नहीं है। भिवानी व चरखी दादरी जिला के अधिकांश नामी निजी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध तक नहीं हैं। जिला में 326 निजी स्कूलों में केवल 34 निजी स्कूलों ने ही एनओसी रिन्यू कराई है। जबकि ये स्कूल भी पिछले छह सालों में एक या दो साल का बंक मारकर एनओसी लेने पहुंचे हैं। मगर नियमों के अनुसार अगर कोई निजी स्कूल बीच में अपनी एनओसी रिन्यू नहीं कराता है और फिर एनओसी लेने का आवेदन करता है तो उसे भी एनओसी नहीं मिल सकती। मगर दमकल विभाग का नया कारनामा भी आरटीआइ में उजागर हुआ है। इसमें एक साल एनओसी लेने के बाद फिर एक साल कोई एनओसी नहीं लेने वाले निजी स्कूल को फिर एनओसी जारी की गई है। ऐसा करना भी नियमों के साथ खिलवाड़ हैं।
हैरानी की बात तो यह भी है कि कई नामी स्कूल तो दशकों से चले आ रहे हैं। मगर इन नामी स्कूलों के भवन का नक्शा तक पास नहीं हैं जबकि फायर विभाग से एनओसी लेना तो बहुत दूर की बात हैं। इन निजी स्कूलों में लाखों बच्चे शिक्षा हासिल कर रहे हैं। इन बच्चों की सुरक्षा के कोई पुख्ता प्रबंध यहां नहीं हैं। अधिकारी भी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। अगर कोई बड़ा हादसा होता है तो फिर सरकार और प्रशासन के साथ शिक्षा विभाग भी सजग हो जाएगा, मगर नियमों की अनदेखी करने वाले निजी स्कूलों पर फिलहाल कोई कार्रवाई तक नहीं की गई है। 30 मई को लगाई आरटीआइ और 29 जुलाई को आया जवाब
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार ने बताया 30 मई को जिला उपायुक्त कार्यालय में जनसूचना अधिकार अधिनियम के तहत निजी स्कूलों व अस्पतालों में दमकल विभाग से एनओसी लिए जाने संबंधी सूचनाएं मांगी गई थी। नगर परिषद ने 29 जुलाई को आरटीआइ का जवाब दिया। इसमें 225 निजी स्कूलों का रिकार्ड ही उनके समक्ष होने का दावा किया गया है। इसमें कुछ निजी स्कूल चरखी दादरी जिला से संबंधित भी दर्शाये गए हैं। लेकिन इन निजी स्कूलों में सिर्फ 34 निजी स्कूलों ने ही 2019 के लिए दमकल विभाग से एनओसी ली है। जबकि बाकी स्कूलों के पास कोई एनओसी नहीं हैं। 2018 में केवल 26 निजी स्कूलों ने ही फायर विभाग से एनओसी ली थी। नगर परिषद के फायर विग के पास केवल 18 निजी अस्पतालों का ही रिकार्ड में पांच निजी अस्पतालों ने ही फायर विभाग से एनओसी ली हुई हैं, जबकि अन्य निजी अस्पतालों के पास एनओसी तक नहीं है। ये है नियम
किसी भी निजी व्यवसायिक, चिकित्सा या शिक्षण संस्थान के लिए हर साल फायर सेफ्टी प्रबंधों के तहत दमकल विभाग से एनओसी लेना जरूरी है। ये एनओसी हर साल रिन्यू कराई जाती है। दमकल विभाग के अधिकारी एनओसी रिन्यू करने से पहले संबंधित संस्थान का व्यापक स्तर पर निरीक्षण करते हैं। उसकी रिपोर्ट तैयार कर सभी फायर सेफ्टी प्रबंधों को पूरा करने के बाद ही जिला दमकल अधिकारी द्वारा एनओसी संबंधित संस्थान को जारी की जाती है। संबंधित विभागों के अधिकारी भी समय-समय पर फायर सेफ्टी प्रबंधों की नियमित जांच कर अपनी रिपोर्ट देते हैं। आगजनी से सुरक्षित नहीं संस्थान
आरटीआइ में खुलासा हुआ है कि शहर में कोई भी निजी संस्थान आगजनी से सुरक्षित नहीं है। दमकल विभाग से मिली जानकारी के बाद कालेज, बहुमंजिला भवन, निजी स्कूल, निजी अस्पताल, होटल, सभागार, ऑडिटोरियम, कोचिग सेंटर, पीजी, गेस्ट हाउस, मल्टी स्टोरेज भवन ने एनओसी नहीं ली है। ऐसे संस्थानों की शहर में बहुतायत है, मगर एनओसी नहीं लेना, इन संस्थानों में आगजनी से सुरक्षित मापदंडों पर खरा नहीं उतरने की तरफ साफ इशारा कर रहा है। पिछले छह साल के दौरान इन निजी स्कूलों ने ली दमकल विभाग से एनओसी वर्ष निजी स्कूलों की एनओसी
2014 33
2015 79
2016 64
2017 63
2018 26
2019 34
नोट : केवल पांच निजी अस्पतालों के पास फायर सेफ्टी प्रबंध पूरे करने पर एनओसी जारी हुई है।
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