जिले के कई गांवों में जलघरों के टैंक खाली, भारी परेशानियों से गुजर रहे लोग : श्रुति

जागरण संवाददाता चरखी दादरी दक्षिण हरियाणा के भिवानी व दादरी जिला क्षेत्र में पीने के पानी

By JagranEdited By: Publish:Wed, 25 Aug 2021 09:50 PM (IST) Updated:Wed, 25 Aug 2021 09:50 PM (IST)
जिले के कई गांवों में जलघरों के टैंक खाली, भारी परेशानियों से गुजर रहे लोग : श्रुति
जिले के कई गांवों में जलघरों के टैंक खाली, भारी परेशानियों से गुजर रहे लोग : श्रुति

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : दक्षिण हरियाणा के भिवानी व दादरी जिला क्षेत्र में पीने के पानी की समस्या को कांग्रेस की वरिष्ठ नेता किरण चौधरी ने विधानसभा में जोर शोर से उठाया तो जन स्वास्थ्य विभाग व सिचाई विभाग के अधिकारी हरकत में आए। इसके बाद पीने के पानी की व्यवस्था को दुरुस्त करने संबंधी कदम उठाए गए। लेकिन यहीं पर्याप्त नहीं है, यदि सरकार समय रहते पानी की पूरी तरह समुचित व्यवस्था नहीं करती है तो लोगों को परेशानी झेलनी पड़ेंगी। यह बात पूर्व सांसद श्रुति चौधरी ने बुधवार को यहां जारी अपने बयान में कही। उन्होंने कहा कि विस सत्र में पूर्व मंत्री किरण चौधरी द्वारा पेयजल संबंधी मांग रखने पर मुख्यमंत्री ने संज्ञान तो लिया लेकिन कोई ठोस भरोसा नहीं दिया। यदि सरकार नहरी पानी पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंचाती है तो कांग्रेस संघर्ष को मजबूर होगी। श्रुति चौधरी ने कहा कि दादरी जिले गांव आदमपुर डाढी, छिल्लर, मकड़ाना, सांजरवास फौगाट सहित कई गांवों के जलघर टैंक खाली हैं। उन्हें जल्द भरा जाने की आवश्यकता है। पूर्व सांसद श्रुति ने कहा कि पूर्व मंत्री किरण चौधरी द्वारा कृषि कानूनों, राज्य में बेरोजगारी, महंगाई, अवैध माइनिग, पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ोतरी, रसोई गैस संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न वर्तमान सत्र में लगाए थे जिन्हें निरस्त कर दिया गया। यह लोकतंत्र के खिलाफ है। सरकार सदन के अंदर और बाहर आम जनता की आवाज को दबा रही है। काश्तकार विरोधी है नया भूमि अधिग्रहण विधेयक

श्रुति चौधरी ने कहा कि भूमि अर्जन पुनर्वासन पुन‌र्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता अधिकार हरियाणा संशोधन विधेयक 2021 किसान काश्तकार व गरीब विरोधी है। सरकार को चाहिए कि कानून को कारपोरेट जगत के पक्ष के बजाय किसान व काश्तकार के हित में बनाए। पूर्व सांसद ने कहा कि जिन किसानों के खेतों में ट्रांसमिशन लाइन और टावर लगाए गए हैं उनके लिए मुआवजे को लेकर वे मुख्यमंत्री को पत्र लिख चुकी हैं। लेकिन आज तक कोई जवाब नहीं आया है।

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