दो बहनों ने घोड़ी पर बैठ कर निकाला बनवारा

ढिगावामंडी सिर पर चुनरी घोड़े पर दूल्हे की तरह सजी-धजी बैठी दो दुल्हन। कुछ ऐसा ही नजारा था जिले के गांव ढिगावा जाटान में। जहां घोड़ी पर बैठकर दो बहनों की शादी से पहले बनवारा (निकासी) निकला।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 12:25 AM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 12:25 AM (IST)
दो बहनों ने घोड़ी पर बैठ कर निकाला बनवारा
दो बहनों ने घोड़ी पर बैठ कर निकाला बनवारा

मदन श्योराण, ढिगावामंडी :

सिर पर चुनरी, घोड़े पर दूल्हे की तरह सजी-धजी बैठी दो दुल्हन। कुछ ऐसा ही नजारा था जिले के गांव ढिगावा जाटान में। जहां घोड़ी पर बैठकर दो बहनों की शादी से पहले बनवारा (निकासी) निकला। ढिगावा जाटान में वीरवार को जय लक्ष्मी व ज्योति ने अपनी शादी में घोड़ी पर बनवारा (निकासी) निकालकर एक नई पहल की शुरुआत की। जिले में इससे पहले भी इसी तरह से उदाहरण सामने आ चुके हैं मगर गांव में ऐसा पहली बार ही हुआ। इन दोनों बहनों की शादी 25 अप्रैल को होने वाली है।

दहेज प्रथा व कन्या भ्रूण हत्या जैसी कुरीतियों को छोड़कर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश देते हुए दोनों बेटियों ने घोड़ी पर बैठकर बनवारा (निकासी) निकाला। इस निकासी में दुल्हन समेत परिवार के लोग गांव में डीजे के गानों पर शारीरिक दूरी के साथ थिरकते नजर आए। घोड़ी पर चढ़ने से पहले दोनों बहनों ने आए हुए मेहमानों को मास्क बांटे और सैनिटाइजर का छिड़काव किया।

बनवारा दे रहे दुल्हन बेटियों के चाचा चाची सुभाष, पंच सुनीता, नरेश और राजबाला ने बताया कि हमारा परिवार गांव ढिगावा जाटान में सबसे अलग विचारधारा वाला है। लड़कों व लड़कियों में किसी में भी भेदभाव नहीं किया जाता । दोनों बेटियों ने घोड़ी पर अपना बनवारा निकाला है।

बवानी खेड़ा : गांव पुर में मनाया पृथ्वी दिवस

संवाद सहयोगी, बवानीखेड़ा: सर्व कल्याण मंच के सहयोग से गांव पुर में विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मंच के अध्यक्ष नवीन कौशिक ने की व विशेष तौर पर शिक्षिका मोनिका शर्मा उपस्थित रही। इस अवसर पर शिक्षिका मोनिका शर्मा ने कहा कि निरंतर वायु प्रदूषण के बढ़ने के चलते जहां हमारा वातावरण दूषित हो रहा है वहीं जल का भी संकट पैदा हो रहा है। उन्होंने इस अवसर पर ग्रामीणों से आग्रह किया कि वे पृथ्वी का संरक्षण करें और साफ सुथरा रख अधिक से अधिक पौधे भी रोपित करें। इस अवसर पर मंच के अध्यक्ष नवीन कौशिक ने कहा कि हमें गांव के जोहड़ों के संरक्षण के साथ-साथ नदी, झील व तालाब आदि का भी ख्याल रखना चाहिए क्योंकि ये प्रकृति के अनूठे उपहार हैं। हम अगर पर्यावरण को संतुलित रखेंगे तो आने वाली पीढ़ी को भी इसका लाभ मिल सकेगा।

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