अब बिना अनुमति खंबों पर तार डालने वालों पर होगी कार्यवाही, उपायुक्त ने दिए रिकवरी के निर्देश

जागरण संवाददाता चरखी दादरी उपायुक्त अमरजीत सिंह मान ने जिले में बिना अनुमति के अवैध तरीके

By JagranEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 09:35 AM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 09:35 AM (IST)
अब बिना अनुमति खंबों पर तार डालने वालों पर होगी कार्यवाही, उपायुक्त ने दिए रिकवरी के निर्देश
अब बिना अनुमति खंबों पर तार डालने वालों पर होगी कार्यवाही, उपायुक्त ने दिए रिकवरी के निर्देश

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : उपायुक्त अमरजीत सिंह मान ने जिले में बिना अनुमति के अवैध तरीके से लगाए गए मोबाइल टावर सहित बिजली के खंबों पर केबल आपरेटर व इंटरनेट प्रोवाइडर द्वारा लगाई गई तारों, अंडरग्राउंड तारों की लाइनों को लेकर कार्रवाई व रिकवरी करने के निर्देश दिए हैं। उपायुक्त ने बिजली विभाग, नगर परिषद और ग्रामीण विकास विभाग को तुंरत सर्वे कर रिपोर्ट देने को कहा है। उपायुक्त ने कहा है कि दादरी शहर सहित पूरे जिले में बहुत सी कंपनियों द्वारा मोबाइल टावर लगाए हुए हैं। नियमों के अनुसार टावर लगाने के लिए संबंधित विभागों से अनुमति लेनी जरूरी है। देखने में आया है कि बिना अनुमति के ही टावर लगा दिए जाते हैं। नगर परिषद और ग्रामीण विकास विभाग तुरंत दादरी शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में लगाए गए मोबाइल टावरों की जांच करें और सुनिश्चित करें कि सभी के पास संबंधित विभाग से अनुमति होनी चाहिए। बिना अनुमति कार्य करने वालों से होगी रिकवरी

उन्होंने कहा कि दादरी शहर सहित पूरे जिले में बिजली निगम और नगर परिषद की स्ट्रीट लाइटों के खंबों पर केबल आपरेटर्स व इंटरनेट उपलब्ध करवाने वालों ने बिना किसी अनुमति के तारें डाल रखी हैं। सरकार के नियमों के अनुसार इन खंबों पर तारें डालने के लिए निर्धारित शुल्क भरना होता है और संबंधित विभाग से तीन साल तक की लीज लेनी होती है। संबंधित विभाग ऐसे सभी मामलों में रजिस्टर के माध्यम से लेखा जोखा रखता है। उन्होंने कहा कि दादरी जिले में शायद ही किसी केबल आपरेटर और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर ने खंबों पर तार डालने की अनुमति लेकर निर्धारित शुल्क भुगतान किया हो। उपायुक्त ने कहा कि ऐसे ही विभिन्न लैंडलाइन फोन व मोबाइल कंपनियों और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर ने बिना अनुमति के अवैध रूप से अंडर ग्राउंड तारें बिछा रखी हैं। ऐसे कार्यों के लिए भी संबंधित विभागों से अनुमति लेनी जरूरी होती है। उन्होंने कहा कि तीनों मामलों में तुरंत सर्वे करवाकर संबंधित कंपनी से रिकवरी की जाए।

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