तेज आंधी से टूटे सैकड़ों पेड़, कई फीडरों की बिजली आपूर्ति रही ठप

बाढड़ा उपमंडल में शनिवार देर रात्रि आंधी के साथ आई बरसात रविव

By JagranEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 07:09 PM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 07:09 PM (IST)
तेज आंधी से टूटे सैकड़ों पेड़, कई
फीडरों की बिजली आपूर्ति रही ठप
तेज आंधी से टूटे सैकड़ों पेड़, कई फीडरों की बिजली आपूर्ति रही ठप

संवाद सहयोगी, बाढड़ा : बाढड़ा उपमंडल में शनिवार देर रात्रि आंधी के साथ आई बरसात रविवार को भी जारी रही जिससे सैकड़ों हरे पेड़ व कुछ बिजली पोल टूट गए। बरसात होने से किसानों को बड़ी राहत मिली है। बरसात से सिचाई की कमी से जूझ रही कपास की फसल को पानी मिल गया वहीं बाजरे की बीजाई भी अच्छे से हो पाएगी। तेज आंधी के साथ आई बरसात के चलते गर्मी से परेशान क्षेत्र की जनता ने राहत की सांस ली। आंधी के कारण बिजली आपूर्ति लाइनों के पोल टूटने से बाढड़ा उपमंडल बिजली कार्यालय से संचालित फीडरों पर कई जगह आपूर्ति में भी बाधा आई। कस्बे की सड़कों पर जलभराव भी नजर आया।

ग्रामीण क्षेत्र में बरसात होने से किसानों को अपनी पसंदीदा फसल बाजरे की बीजाई शुरू होने की उम्मीदें जगी हैं। दक्षिणी हरियाणा में सबसे अधिक बाजरे की फसल बोई जाती है। यह कम पानी पर भी अधिक उत्पादन देती है।

बाजरे की बीजाई के उपयुक्त समय

किसान सतपाल श्योराण, हवासिंह, शीशराम जगरामबास, धर्मेंद्र सिंह, सूर्यप्रकाश इत्यादि ने बताया कि मौजूदा समय की बरसात बाजरे की बीजाई के लिए सबसे उपयुक्त है। दो दिन की बरसात के बाद इस क्षेत्र में भूमि पूरी तरह सिचित होगी और किसान समय पर इस क्षेत्र में ग्वार, बाजरा, मूंग जैसी फसलों की बीजाई कर पाएगा। कम पानी वाली फसलों के लिए बेहतर है बारिश

जिला कृषि अधिकारी डा. चंद्रभान श्योराण ने कहा कि प्रदेश के दक्षिणी क्षेत्र में खरीफ फसलों में टयूबवेल सिचाई से ज्यादा बरसाती पानी पर निर्भरता अधिक है। किसानों को कम पानी वाली फसलों की बीजाई करनी चाहिए वहीं मूंग जैसी फसलों की बीजाई कर जमीन की ऊर्वरा शक्ति को बढ़ाते हुए सरकार से भी मिलने वाली मदद का लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने किसानों से रासायनिक खादों के बजाय देशी तरीके से तैयार व जैविक खादों का प्रयोग करना चाहिए।

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