जिला परिषद के वार्ड छह के गठन को लेकर उच्च न्यायालय ने एडीसी कार्यालय से मांगी रिपोर्ट

पवन शर्मा बाढड़ा पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने दादरी जिले की नवगठित जिला परिषद में वाड

By JagranEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 08:27 AM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 08:27 AM (IST)
जिला परिषद के वार्ड छह के गठन को लेकर उच्च न्यायालय ने एडीसी कार्यालय से मांगी रिपोर्ट
जिला परिषद के वार्ड छह के गठन को लेकर उच्च न्यायालय ने एडीसी कार्यालय से मांगी रिपोर्ट

पवन शर्मा, बाढड़ा

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने दादरी जिले की नवगठित जिला परिषद में वार्डो के परिसीमन को लेकर एक महिला याचिकाकर्ता की अपील पर सुनवाई करते हुए दादरी एडीसी से आगामी 20 अगस्त तक पूरी रिपोर्ट मांगी है। हाईकोर्ट ने वार्ड गठन में अनुसूचित वर्ग के साथ उपेक्षा की शिकायतों को लेकर यह निर्णय दिया गया है। गांव काकड़ौली हट्ठी निवासी अंजना देवी ने अपने अधिवक्ता अजय बिजारणिया के माध्यम से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में दायर याचिका में बताया कि जिला प्रशासन ने भिवानी से अलग अस्तित्व में आए दादरी जिले में नई जिला परिषद गठन के लिए कार्य किया है। जिसमें उनका गांव काकड़ौली हट्ठी व काकड़ौली सरदारा को पहले प्रशासन ने वार्ड संख्या 7 में शामिल किया गया। जिसमें ग्रामीणों ने शिकायत दी तो एसडीएम ने सुनवाई के दौरान वार्ड 6 में शामिल कर दिया। इसके बाद अचानक उपायुक्त व अतिरिक्त उपायुक्त ने अंतिम सुनवाई करते हुए दोबारा उनके दोनों गांवों को वार्ड 7 में शामिल कर दिया। इस मामले में जानबूझ कर राजनीतिक हस्तक्षेप किया गया। क्योंकि उनके दोनों गांवों को वार्ड 6 में किया जाता है तो वह अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित होगा और गरीब तबके को चुनाव लड़ने का अवसर मिलेगा। इस बारे में उपायुक्त से गुहार लगाई लेकिन अंतिम अवसर के तौर पर अब हाईकोर्ट में ही न्याय संभव है। न्यायाधीश ने महिला याचिकाकर्ता की अपील पर सुनवाई करते हुए दादरी एडीसी कार्यालय से वार्डबंदी के गठन, जनसंख्या व अपील में शामिल की गई गलतियों के सुधार करने जैसी सारी रिपोर्ट आगामी 20 अगस्त तक मांगी है। एसडीएम का फैसला बदलने पर हुआ विवाद

हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अजय बिजारणियां व आरटीआइ कार्यकर्ता मनफूल सिंह आर्य ने कहा कि दादरी जिले की प्रथम जिला परिषद के परिसीमन के बाद गठित वार्डबंदी के लिए मई माह में पहले बीडीपीओ व एसडीएम को शक्तियां दी गई तथा उसके बाद एडीसी की अध्यक्षता में कमेटी ने अंतिम सुनवाई कर उपायुक्त के माध्यम से जारी करवा दिया गया। लेकिन कई खामियां अब भी शेष रह गई। बाढड़ा खंड के दो गांवों के ग्रामीणों के एतराज के बाद एसडीएम व सहायक निर्वाचन अधिकारी ने दोनों गांवों के वार्ड तबदील कर दिए। लेकिन जिला उपायुक्त कार्यालय ने धरातल की रिपोर्ट को दरकिनार कर उनमें रातोंरात बदली कर दी। खंड के आधा दर्जन गांवों के अनुसूचित वर्ग, पिछड़ा वर्ग के आंकड़े ही गायब कर दूसरे गांव में शामिल कर दिए जिससे आरक्षण प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े होते हैं। लाकडाउन के कारण किसी को घर से बाहर आने की अनुमति नहीं थी और प्रशासन ने अपनी मनपसंद वार्डबंदी की है। जिसका बाद में पता चला तो खामियां व विवाद से आपसी भाईचारा खराब हो रहा है। बाढड़ा में जिला परिषद के छह, पंचायत समिति के 21 वार्ड

हरियाणा सरकार ने प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों, पंचायत समितियों व जिला परिषदों का नया परिसीमन करते हुए मतदाताओं की संख्या के आधार पर वार्डबंदी कार्य आरंभ किया है। विकास एवं पंचायत विभाग ने जिले में पहले से चल रही तीन पंचायत समिति को बढ़ाकर चार कर दिया। जिससे अब बाढड़ा के साथ झोझू खंड व बौंद खंड को अलग अलग पंचायत विकास समिति का दर्जा दे दिया गया है। इसमें दादरी प्रथम व दादरी द्वितीय के बजाय केवल दादरी खंड होगा वहीं उसके कुछ हिस्से को बौंद व झोझू खंड में विभाजित कर दो नई समितियां गठित कर दी गई हैं। इस में रोचक बात यह है कि 1968 में बनी 32 सदस्यों वाली बाढड़ा पंचायत समिति आगामी चुनाव में मात्र 21 वार्डों तक ही सीमित हो गई है। इसके 52 वर्ष बाद वर्ष 2017 में अस्तित्व में आई झोझू पंचायत समिति को 23 वार्ड स्वीकृत किया गया है। दादरी जिले में सबसे अधिक दादरी पंचायत समिति के 27 वार्ड, झोझू कलां के 23 वार्ड, बाढड़ा के 21 व बौंद के 18 वार्ड स्वीकृति के तौर पर शामिल किए गए हैं।

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