मुर्गा फार्म को कराया जाएगा बंद, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नोटिस की अवधि खत्म
एमके शर्मा लोहारू मेरठ-राजगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 709ई पर ढाणी सुरजा बस्ती के पास
एमके शर्मा, लोहारू
मेरठ-राजगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग नंबर 709ई पर ढाणी सुरजा बस्ती के पास बना मुर्गा फार्म अब बंद होगा। इसी के साथ बस्ती के लोगों को भयंकर बदबू तथा मक्खियों की समस्या से जल्द ही राहत मिल जाएगी। दैनिक जागरण द्वारा मंगलवार को इस समस्या को प्रमुखता से छापे जाने पर मंगलवार को पूरे प्रशासनिक अमले ने बस्ती का दौरा किया और समस्या को जायज बताते हुए फार्म को जल्द बंद करवाने का आश्वासन दिया।
कस्बे के वार्ड नंबर 3 स्थित सुरजा ढाणी लोगों के इस दर्द को बांटने के लिए मंगलवार को सुबह ही एसडीएम जगदीशचंद्र, नगर पालिका के सचिव तेजपाल सिंह, प्रधान दौलतराम सोलंकी, थाना प्रभारी रमेशचंद्र आदि
अधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने बस्ती वासियों की इस समस्या को वाजिब बताया।
दैनिक जागरण से बातचीत में एसडीएम जगदीशचंद्र ने बताया कि इस मुर्गा फार्म को बंद करने के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कार्रवाई क्यों नहीं की। यह जानने के लिए उन्होंने बोर्ड के भिवानी क्षेत्रीय कार्यालय के कार्यकारी अभियंता से बात की। अभियंता ने उन्हें बताया कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मुर्गा फार्म संचालक को 16 दिसंबर को 15 दिन का नोटिस दे दिया था। इस नोटिस की अवधि 1 जनवरी को खत्म होगी। यह बोर्ड की नियमानुसार लीगल कार्रवाई है। अब 1 जनवरी के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इसे बंद करा देगा।
इसके अलावा एसडीएम ने बताया कि नगरपालिका के सचिव तेजपाल सिंह को भी आदेश दिए गए हैं कि वे 4 जनवरी को नगरपालिका हाउस की बैठक में इस बंद कराने का प्रस्ताव पारित करके उन्हें दे। क्योंकि यह फार्म नगरपालिका की हद में भी आता है, इसलिए नगरपालिका की यह कार्रवाई भी फार्म को बंद कराने में उपयोगी साबित होगी। इधर बस्ती के निवासी राधेश्याम, मदन, गोपीराम, जगदीश, जयभगवान शर्मा, दुलीचंद, श्योनारायण, राजपाल, बाबूलाल, कृष्ण, ताराचंद, सीताराम आदि ने उनकी आवाज को उठाने पर दैनिक जागरण को धन्यवाद करते हुए प्रशासन की आज की कार्रवाई पर संतुष्टि जाहिर की। लेकिन साथ ही महिलाओं ने ठेठ देहाती भाषा में चिता भी जाहिर की कि मुर्गा फार्म बंद हो जा तब सरकार की बात सच्ची होई मानियों। पिछले छह वर्षों से बस्ती के लोग इस मुर्गा फार्म के कारण पनपी मक्खियों तथा बदबू से बेहद परेशान हैं। उनका यहां रहना, खाना पीना तक मुहाल बना हुआ है। सोमवार को अपने इस दर्द को दैनिक जागरण के सामने बताते हुए इस पीड़ा का समाधान नहीं होने पर गांव को ही छोड़ देने की बात कही थी।