निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन ने खोला मोर्चा
कोरोना वायरस संक्रमण के लगातार बढ़ रहे खतरे के बीच निजी स्कूल पर मोर्चा खोल दिया है।
जागरण संवाददाता, भिवानी
कोरोना वायरस संक्रमण के लगातार बढ़ रहे खतरे के बीच निजी स्कूल संचालकों की मनमानी भी बढ़ रही है। निजी स्कूल संचालक बच्चों की पढ़ाई कराने की आड़ में मोटी फीस वसूली की साजिश रच रहे हैं। उसे कामयाब नहीं होने दिया जाएगा। यह बात स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने मंगलवार को जूम एप पर प्रदेशस्तरीय ऑनलाइन बैठक में कही। बृजपाल ने कहा कि सरकार ने कोविड-19 के संक्रमण के खतरे को भांपते हुए प्रदेश में पहली कक्षा से बारहवीं तक सभी निजी व सरकारी स्कूलों को 30 अप्रैल तक बंद किए जाने का एलान किया है। निजी स्कूलों को सिर्फ अभिभावकों की जेब पर डाका डालने से मतलब है, उन्हें बच्चों की जान से कोई लेना देना नहीं हैं। प्रदेश के कई बच्चे कोरोना संक्रमित मिलने के बाद ही सरकार ने स्कूलों को बंद करने का एलान किया था, मगर ये बात समझते हुए भी निजी स्कूल सिर्फ फीस लेने के लिए ही स्कूल खोलने पर उतारू हैं। बृजपाल सिंह परमार ने कहा कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने सभी निजी स्कूलों में बच्चों से केवल ट्यूशन फीस लेने के स्पष्ट आदेश दिए हैं। मगर इसके बावजूद भी निजी स्कूल बच्चों के दाखिला की आड़ में एनुअल चार्ज सहित सभी फंड वसूली कर रहे हैं। उन्होंने अभिभावकों से भी अपील की है कि वे निजी स्कूलों की मनमानी के आगे न झुकें और दाखिला कराते समय सिर्फ ट्यूशन फीस के अलावा कोई भी एनुअल या अन्य चार्ज का भुगतान न करें। बैठक में प्रदेश सह सचिव भूपेंद्र कौशिक, दिव्यांग विग प्रदेश अध्यक्ष सुनील पंवार, प्रदेश लीगल एडवाइजर संजीव तंवर एडवोकेट, पुनीत कुमार हिसार, आशा गोयत जींद, धर्मबीर पलवल, रेखा गर्ग एडवोकेट पानीपत, राजरतन एडवोकेट रेवाड़ी, सलाउद्दीन पंचकूला, महेश कुमार कैथल, राजेश चहल कुरुक्षेत्र, राजीव सैनी हांसी मौजूद थे।