किसान मजदूरों की मांग सरकार को माननी होगी : सिधु

जागरण संवाददाता भिवानी किसान और मजदूर अपने हकों के लिए संघर्षरत हैं। सरकार को उनक

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 10:41 AM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 10:41 AM (IST)
किसान मजदूरों की मांग सरकार को माननी होगी : सिधु
किसान मजदूरों की मांग सरकार को माननी होगी : सिधु

जागरण संवाददाता, भिवानी : किसान और मजदूर अपने हकों के लिए संघर्षरत हैं। सरकार को उनकी बात माननी ही होगी। किसान अपनी मांग से पीछे नहीं हटेंगे। सीटू की राष्ट्रीय सचिव एआर सिधु ने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर मनाए जा रहे किसान-मजदूर एकता दिवस पर कितलाना टोल के अनिश्चित कालीन धरने को सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने कहा तीनों कृषि कानून केवल किसानों की नहीं मजदूरों के हितों पर कुठाराघात करने वाले हैं। यही वजह है कि मजदूर भी किसानों के कंधे से कंधा मिलाकर ये लड़ाई लड़ रहे हैं।

संत गुरु रविदास जयंती पर सिधु ने कहा कि संत रविदास ने समाज में फैली जाति-पाति, छुआछूत, धर्म-सम्प्रदाय, वर्ण विशेष जैसी भयंकर बुराइयों को जड़ से समाप्त करने के लिए हमेशा संघर्ष किया। उन्होंने अपनी वाणी एवं सदुपदेशों के जरिए समाज में एक नई चेतना का संचार किया। उन्होंने लोगों को पाखंड एवं अंधविश्वास छोड़कर सच्चाई के पथ पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि आज ही चंद्रशेखर आजाद की पुण्यतिथि है। आजादी के आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले चंद्रशेखर आजाद ने कभी अंग्रेजों से हार नहीं मानी। हमें ऐसे महापुरुषों से प्रेरणा ले आगे बढ़ते रहना है।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हर क्षेत्र को प्राइवेट सेक्टर की ओर धकेल रही है। उससे गरीब और गरीब हो जाएगा। नया लेबर कानून मजदूरों को कहीं का नहीं छोड़ेगा। किसी को भी अपनी आवाज उठाने का अधिकार नहीं रहेगा। नया बिजली अधिनियम लागू होने पर राज्यों के अधिकार नहीं बचेंगे और सब्सिडी खत्म हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार चंद पूंजीपतियों को और धनवान बनाना चाहती है जो असहनीय है। किसान और मजदूर की एकजुटता सरकार को झुका कर मानेगी। दादरी से निर्दलीय विधायक और खाप सांगवान 40 के प्रधान सोमबीर सांगवान ने कहा कि सरकार आंदोलन को बांटना चाहती थी लेकिन अब किसान मजदूरों की एकजुटता से बेचैनी में है। उन्होंने कहा कि सरकार को अविलंब संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं को बातचीत के लिए बुलाना चाहिए। कितलाना टोल पर चले रहे धरने के 64वें दिन सीताराम शर्मा, सुरेंद्र आदमपुर, रणसिंह काकड़ोली, सुखदेव पालवास, सुमन बामला, मीर सिंह बेरला, सतपाल पालवास, सुमेर बाढड़ा, कृष्ण कुंगड़, सुरेश लोहारू ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि आंदोलन की लौ को मंद नहीं पड़ने दिया जाएगा और तीनों काले कानून रद्द करवाकर रहेंगे। धरने का मंच संचालन अनिल कुमार और कामरेड ओमप्रकाश ने किया। इस अवसर पर सुनिल गोलपुरिया, महेंद्र बिधनोई, श्रीभगवान दहिया बसपा, शीला गोरा, मनीराम, हरकिशन बेरला, महेंद्र धानक, अनिल सभरवाल, लक्ष्मी चरखी, धर्मपाल सभरवाल, संजय बलियाली, मुख्तयारी, छाजूराम खुंडिया, बलवीर बेडवाल, रामचंद्र निर्मल, राममेहर सिंह, मीना रेवाड़ीखेड़ा, जयभगवान रावलधी, सत्यवान काकड़ोली, रणसिंह मुंगालिया, मांगेराम जांगड़ा, रमेश सेन आदि मौजूद थे।

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