आनलाइन गेम्स, गेमिग एप्लीकेशन के नाम पर धोखाधड़ी जारी, बचाव के लिए पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

जागरण संवाददाता चरखी दादरी आनलाइन गेम्स तथा गेमिग एप्लीकेशन्स के माध्यम से होने वाली धोखाधड़

By JagranEdited By: Publish:Wed, 29 Sep 2021 07:22 AM (IST) Updated:Wed, 29 Sep 2021 07:22 AM (IST)
आनलाइन गेम्स, गेमिग एप्लीकेशन के नाम पर धोखाधड़ी जारी, बचाव के लिए पुलिस ने जारी की एडवाइजरी
आनलाइन गेम्स, गेमिग एप्लीकेशन के नाम पर धोखाधड़ी जारी, बचाव के लिए पुलिस ने जारी की एडवाइजरी

जागरण संवाददाता, चरखी दादरी : आनलाइन गेम्स तथा गेमिग एप्लीकेशन्स के माध्यम से होने वाली धोखाधड़ी से बचाने के लिए जिला पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी जारी करते हुए पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार ने लोगों को फैंटेसी क्रिकेट, आनलाइन रम्मी जैसी आनलाइन गेमिग एप्स के इस्तेमाल से होने वाली धोखाधड़ी से सावधान किया है। एसपी विनोद कुमार ने कहा कि आनलाइन गेम्स की लोगों को आदत हो जाती है और वे काफी समय इनके इस्तेमाल में बर्बाद करते हैं। आनलाइन मल्टीप्लेयर गेमिग चैट में ये भी हो सकता है कि लोग किसी सहकर्मी को धमकाने, अपनामित करने या परेशान करने के लिए कंप्यूटर डिवाइस का उपयोग करें। उन्होंने कहा कि इनके साथ-साथ आनलाइन गेमिग में धोखाधड़ी करने का एक नया चलन देखा गया है। जिसमें जालसाज लोग आनलाइन गेम्स के माध्यम से धोखाधड़ी करते हैं। आनलाइन गेम्स में धन की हानि का बहुत अधिक जोखिम होता है। कुछ आनलाइन गेम कुछ सामग्री लोगों को मुफ्त में देते हैं, हालांकि पूरी गेम सुविधाएं, कार्यों और पहुंच के लिए भुगतान की जरुरत होती है। कुछ मामलों में इन खेलों के लिए उपयोगकर्ता को अपनी गेमिग प्रोफाइल में एक क्रेडिट कार्ड संलग्न करने की आवश्यकता होती है और उपयोगकर्ता से आनलाइन गेम के दौरान नई वस्तुओं और सेवाओं के लिए उनके कार्ड से संचालित रूप से शुल्क लिया जाता है। जालसाज लोग नाममात्र के सत्यापन के साथ विभिन्न आनलाइन गेम पर पंजीकरण करते हैं, जिससे लाभार्थी के खाते का पता लगाना मुश्किल होता है। ये आनलाइन गेमिग एप अपने वालेट से बैंक खातों में होने वाली हर एक ट्रांजेक्शन के लिए रुपये वसूल कर राजस्व कमाता है और एक मध्यस्थ के रूप में कार्य करता है। ऐसे आनलाइन गेमिग प्लेटफार्म कार्ड लेनदेन, इंटरनेट बैंकिग, यूपीआइ, आइएमपीएस और पेमेंट गेट-वे जैसे रेजर पे, बिल डेस्क इत्यादि के माध्यम से भुगतान स्वीकार करते हैं। किसी भी बैंक से निकाल लेते हैं राशि

अधिकतर आनलाइन गेमिग एप्लीकेशन गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध नहीं होते। इन एप्स को इंस्टाल करने के लिए उनकी वेबसाइट पर एक एपीके फाइल डाउनलोड करने का लिक दिया जाता है। जालसाज लोग इन प्लेटफार्म का इस्तेमाल एक वालेट के रूप में करते हैं और फिर मनचाहे बैंक खाते से रुपये निकाल लेते हैं। उन्होंने कहा कि जालसाजों के लिए आनलाइन गेमिग एप्स वालेट का उपयोग करना आसान होता है। गेमिग एप वालेट में रुपये डालने से बचें : एसपी

पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि वे खुद और अपने बच्चों को ऐसे आनलाइन गेमिग एप के वालेट में रुपये डालने से बचें तथा बचाएं। उन्होंने कहा कि आनलाइन गेमिग एप के वालेट धोखाधड़ी करने वालों के लिए आसान लक्ष्य होता है, जिससे इसमें धोखाधड़ी की संभावना अधिक होती है। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी नागरिक के साथ आनलाइन गेमिग एप के माध्यम से धोखाधड़ी होती है तो तुरंत पुलिस को सूचित करें। ऐसी किसी भी घटना की जानकारी साइबर क्राइम की वेबसाइट पर दें और सुरक्षा युक्तियों के बारे में ट्विटर पर साइबर दोस्त को फालो करें।

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