स्वरोजगार के लिए मछली पालन प्रमुख व्यवसाय : डीसी

आमदनी बढ़ाने के लिए परंपरागत खेती के साथ-साथ मछली व पशुपालन जरूरी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 29 Sep 2020 06:00 AM (IST) Updated:Tue, 29 Sep 2020 06:00 AM (IST)
स्वरोजगार के लिए मछली पालन प्रमुख व्यवसाय : डीसी
स्वरोजगार के लिए मछली पालन प्रमुख व्यवसाय : डीसी

फोटो : 28बीडब्ल्यूएन 01 जेपीजी

आमदनी बढ़ाने के लिए परंपरागत खेती के साथ-साथ मछली व पशुपालन भी जरूरी जागरण संवाददाता, भिवानी : उपायुक्त अजय कुमार ने कहा कि स्वरोजगार के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अनेक योजनाएं क्रियान्वित की जा रही हैं, जिनमें मछली पालन प्रमुख रूप से शामिल है। युवाओं को मछली पालन जैसा व्यवसाय अपनाकर अपनी आय बढ़ानी चाहिए। आय बढ़ाने के लिए मछली पालन प्रमुख व्यवसाय बन गया है।

उपायुक्त सोमवार को लघु सचिवालय स्थित डीआरडीए सभागार में जिला मत्स्य पालन कार्यालय द्वारा मछली पालन के लिए हाल ही में प्रशिक्षण ले चुके व्यक्तियों, युवाओं व महिलाओं को प्रमाण-पत्र वितरित करने के दौरान अपना संदेश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि किसान परंपरागत खेती के साथ-साथ पशुपालन और मछली जैसा व्यवसाय भी अपनाएं। मछली पालन युवाओं के लिए स्वरोजगार का मुख्य व्यवसाय है, जिस में विभाग द्वारा अलग-अलग तरह से अनुदान दिया जाता है। उन्होंने प्रशिक्षण लेने वाले युवाओं से कहा कि वे इस प्रशिक्षण को व्यर्थ न जाने दें और इसका लाभ अवश्य उठाएं।

उल्लेखनीय है कि विभाग के जिला कार्यालय द्वारा 13 जुलाई से 2020 से मछली पालन के दस-दस दिन के प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया गया था। इन शिविरों में करीब पौने दो सौ लोगों ने प्रशिक्षण लिया। कोरोना महामारी संक्रमण के चलते उपायुक्त ने इनमें से करीब 40 को प्रमाण पत्र वितरित किए। इस दौरान मत्स्य अधिकारी सुरेंद्र ठकराल, व्यवासियक मत्स्यक कुलदीप सुरलिया, सुपरवाईजर विकास तंवर आदि मौजूद रहे।

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