कल तक पूरा पानी का आश्वासन नहीं मिला तो सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे किसान

मोहला हेड तक पानी पहुंचने के बावजूद सुंदर ब्रांच नहर में पानी न आने पर गांव बास के किसानों के विरोध के बाद रविवार को बवानी खेड़ा हलके के किसानों में भी विरोध देखने को मिला।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 Mar 2021 07:55 AM (IST) Updated:Mon, 22 Mar 2021 07:55 AM (IST)
कल तक पूरा पानी का आश्वासन नहीं मिला तो सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे किसान
कल तक पूरा पानी का आश्वासन नहीं मिला तो सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे किसान

संवाद सहयोगी, बवानीखेड़ा: मोहला हेड तक पानी पहुंचने के बावजूद सुंदर ब्रांच नहर में पानी न आने पर गांव बास के किसानों के विरोध के बाद रविवार को बवानी खेड़ा हलके के किसानों में भी विरोध देखने को मिला। जहां बवानी खेड़ा हलके के 38 गांवों के किसान एक बार फिर बवानीखेड़ा की ओड धर्मशाला में एकत्रित हुए। जहां जलसंघर्ष समिति के समक्ष अपनी बात रखी। जहां जल संघर्ष समिति के प्रधान जगदीश चन्द्र, उपप्रधान धर्मबीर फौजी, शेर सिंह रतेरा ने बताया कि सुन्दर नहर में पानी की समस्या को लेकर हलके के किसान पिछले छह माह से परेशान है। पानी की समस्या का समाधान करवाने को लेकर 9 फरवरी को जमालपुर के पंचायत घर में 38 गांवों की महापंचायत हुई थी। जहां सुंदर नहर जलसंघर्ष कमेटी का निर्माण हुआ। जहां तय हुआ था कि 22 फरवरी को हलके के किसान डीसी को ज्ञापन देते हुए पानी की मांग को रखेंगे। जिसके बाद एक एक करके आंदोलन में कई गांव जुड़ते चल गए। इस मौके पर जमालपुर से रतेरा से बलराज चौहान, जयभगवान, तालू से भीमा, बाला, ईश्वर तालू, पूर्व सरपंच बलवान, पपोसा से जयबीर, किरावड़ से राहुल तंवर, अलखपुरा से संदीप राठी, सुमडा खेड़ा से पंकज, बड़सी से हरिसिंह, बलजीत प्रधान, विरेंदर ओला, पुर से राजकुमार, जाटू लुहारी से लीलू शर्मा, किरावड से जयबीर व राहुल तंवर आदि वक्ताओं ने अपनी बातें रखी। मंगलवार तक पूरे पानी का आश्वासन नहीं मिला तो होगा आंदोलन ओड धर्मशाला में हुई बैठक में किसानों ने फैसला लिया कि अगर मंगलवार तक सिचाई विभाग के अधिकारियों के द्वारा सुंदर नहर में सात दिन का पूरा पानी छोड़े जाने की बात का ठोस आश्वासन नहीं मिलता तो वो सड़कों उतरने को मजबूर होंगे।

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